आख़िर क्यों मौत को गले लगाने जाते हैं पचधारी???
कल ख़बर तो सुनी होगी आप लोगों ने…पचधारी स्टाप डेम में अपने दोस्तों के साथ नहाने गये युवक के लापता होने की…आज बुधवार की सुबह गोताखोरों ने शहर के फ़ौजदार पारा से लगे घाट से लापता युवक की लाश बरामद कर ली है, उस युवक के घर परिवार में जहां जन्माष्टमी मेले की ख़ुशियां छाई थीं, वहां अब मातम पसर गया है। आख़िर समझ में नहीं आता कि पचधारी स्टाप डेम में लगाये गये तमाम प्रशासनिक प्रतिबंधों को लोग क्यों सीरियसली नहीं लेते??
पचधारी स्टाप डेम में लापरवाही की, उधर जारी हुआ डेथ-वारंट…रायगढ़ से चांदमारी होते हुए पहुंचते हैं एक ऐसी लोकेशन पर, जो प्राकृतिक सौंदर्य के लिहाज़ से ना केवल बेहद मनोरम है, बल्कि केलो नदी पर बने स्टाॅप डेम के कारण लगभग दस फ़ीट का वाॅटर फाॅल गिरते हुए अद्भुत दृश्य खड़ा करता है, इस बेहतरीन लोकेशन का नाम पंचधारी है, जहां शहर के तमाम लोग अलग अलग ईलाक़े से ख़ासकर गर्मी के मौसम में सुबह और शाम बड़ी तादाद में नहाने आते हैं, चूंकि पंचधारी में नहाकर शरीर को ग़ज़ब की तरावट भी मिलती है, गर्मी के मौसम में हर दिन यहां आने वालों की तादाद हज़ारों में होती है, जिसमें बड़े बुज़ुर्ग,युवा,महिलाएं और ख़ासकर बच्चे शामिल होते हैं।
क्यों जानलेवा है पचधारी स्टाप डेम : पंचधारी स्टाॅप डेम का जितना मनमोहक प्राकृतिक सौंदर्य है, उससे कहीं ज़्यादा ख़तरनाक इस जगह पर तफ़रीह करना या नहाना है, क्योंकि इस स्टाॅप डेम को बहुत पहले से प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित करते हुए बाक़ायदा डिस्प्ले बोर्ड भी लगाया गया है, पर लोग हैं कि मानते ही नहीं। गर्मी के दिनों के अलावा साल के बाक़ी दिनों में भी लोगों की आवाजाही और पचधारी में जलक्रीड़ा बनी रहती है, जो कि जीवन की सुरक्षा के लिहाज़ से भी ख़तरनाक है, लिहाज़ा पुलिस और प्रशासन इस पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए पंचधारी केलो स्टाॅप डेम में ख़तरनाक स्टंटबाज़ी करने वालों पर नकेल कसें, साथ ही ये भी पूरी तरह सुनिश्चित हो कि पंचधारी में असुरक्षित तफ़रीह पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जायेगा।
पुलिस और प्रशासन की सख़्ती का असर पंचधारी स्टाॅप डेम में आने वाले लोगों पर पूरी तरह पड़ेगा, ऐसा नहीं लगता, क्योंकि यहां होने वाली मौतों से सबक़ ना लेकर अभी भी लोग पंचधारी जा रहे हैं और जलक्रीड़ा करते हुए, मस्ती के साथ सेल्फ़ी लेते हुए अपनी ग़ैर ज़िम्मेदारी का परिचय दे रहे हैं, पुलिस की नियमित गश्त होगी, तो कुछ प्रभाव पड़ेगा और असुरक्षित तफ़रीह करने वालों पर दबाव बनेगा, वैसे सही मायनों में देखा जाये तो पंचधारी में थोड़ी देर के मनोरंजन के लिए ज़िंदगी दांव पर लगाना कहीं से भी उचित नहीं है, इसलिये पंचधारी जाने से पहले पुलिस और प्रशासन की सख़्त हिदायत के साथ ही साथ ख़ुद की ज़िंदगी के बारे में भी ज़रूर सोचें, ज़िंदगी बहुत क़ीमती है, इसकी रक्षा की ज़िम्मेदारी हर उस इ़सान की है, जो ज़िंदगी को जी रहा है।