बहुआयामी प्रतिभा के धनी हैं समर्पित कलाकार उग्रसेन पटेल
सौरभ श्याम संगीत सृजन केंद्र का कर रहे हैं संगीत गुरू उग्रसेन
नेपाल लुंबिनी की विख्यात संस्था “शब्द प्रतिभा बहु-क्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन” द्वारा हिंदी दिवस पर ऑनलाईन नि:शुल्क अंतर्राष्ट्रीय हिंदी काव्य प्रतियोगिता आयोजित की गई, इस प्रतियोगिता में भारत के अलावा नेपाल, कनाडा, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और तंजानिया से तक़रीबन सात हज़ार रचनाकारों की सहभागिता रही, जिसमें उत्कृष्ट काव्य रचना के आधार पर 675 रचनाकारों का चयन किया गया है, इन सभी चयनित रचनाकारों को प्रमाण पत्र प्रदान कर “हिंदी काव्य रत्न सम्मान” मानद उपाधि से विभूषित किया गया। उसी अनुक्रम में रायगढ़ छत्तीसगढ़ से समर्पित संगीत साधक उग्रसेन पटेल को “हिंदी काव्य रत्न सम्मान” से सम्मानित किया गया है, जिससे ना केवल रायगढ़ बल्कि समूचा छत्तीसगढ गौरवान्वित हुआ है। इससे पहले भी उग्रसेन पटेल ने नेपाल भारत मैत्री संधि अंतर्राष्ट्रीय काव्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर रायगढ़ और छत्तीसगढ़ का परचम लहराया था। 14 सितंबर हिंदी दिवस के अवसर पर “शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय फ़ाउंडेशन” लुंबिनी नेपाल के संस्था अध्यक्ष आनन्द गिरि मायालु ने कहा -“हिंदी विश्व भाषा बन चुकी है, हिंदी भाषा को बोलने में सरलता का आभास होता है, जो कि हिंदी सेवकों के लिए आनंददायी है। आज के दौर में कुछ लोग हिंदी बोलने पर हीनता का बोध कर रहे हैं, मगर उन्हें पता होना चाहिए कि अंग्रेज़ी के पीछे भागने से अपनी मौलिकता खो जायेगी, इसलिए सभी को अपनी मातृभाषा को प्राथमिकता में रखनी चाहिए, इसी वजह से हमारी संस्था ने हिंदी के सम्मान में यह प्रतियोगिता आयोजित की जाती है, यह प्रतियोगिता नेपाल-भारत मैत्री संबंध को सुदृढ़ बनाने में सफ़ल रही है, इसके लिए हम सभी सहभागी रचनाकारों के भी आभारी हैं।”
यहां इस बात का उल्लेख किया जाना ज़रूरी है कि संगीत साधक उग्रसेन पटेल इस अंचल के संगीत के क्षेत्र में प्रतिष्ठित नाम होने के साथ ही साहित्य क्षेत्र में भी अपनी रचनात्मक सक्रियता से “सोने पे सुहागा” की लोकोक्ति को चरितार्थ कर रहे हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी उग्रसेन पटेल इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से तबला में मास्टर ऑफ म्यूज़िक (M.mus.) की डिग्री, प्रयाग संगीत समिति प्रयागराज इलाहाबाद से संगीत प्रभाकर और प्राचीन कला केंद्र चंडीगढ़ से संगीत विशारद की पत्रोपाधि से अलंकृत हैं, उग्रसेन पटेल ने 1995-1998 के दौरान प्रतिबद्ध रंगकर्म की संस्था इप्टा के साथ जुड़कर रंग संगीत को लेकर भी काम किया, 1997 में बाल श्रमिक परियोजना के कला जत्था से जुड़कर अविभाजित रायगढ़ जिले में गीत संगीत और नाटक के जरिए जागरुकता कार्यक्रम में अपनी भागीदारी निभाई, साथ ही समाज कल्याण विभाग के कला पथक कलाकार के तौर पर रायगढ़ में लगातार सेवाएं दे रहे हैं, उग्रसेन पटेल रायगढ़ के बोईरदादर क्षेत्र से संगीत शिक्षा के संस्थान सौरभ श्याम संगीत सृजन केन्द्र का संचालन कर रहे हैं और अपने संस्थान के संगीत गुरु के तौर पर कार्यरत हैं। पूर्व में अक्षय शिक्षण समिति छत्तीसगढ़ द्वारा “अक्षय शिक्षा संगीत रत्न सम्मान”, विप्र फाउंडेशन रायगढ़ छत्तीसगढ़ से”उत्कृष्ट संगीत गुरु सम्मान” इसके अलावा भागवत प्रवाह आध्यात्मिक सेवा संस्थान, सक्ती छत्तीसगढ़ से संगीताचार्य का सम्मान प्राप्त कर चुके हैं। नेपाल के लुंबिनी से उग्रसेन पटेल को मिला “हिंदी काव्य रत्न सम्मान” से अंचल की कला बिरादरी गौरवान्वित हुई है, सभी कलाकारों ने उग्रसेन पटेल को बधाईयां दी हैं।