
आम आदमी पार्टी की रायगढ़ जिला इकाई ने छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण नीति को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने और शिक्षा क्षेत्र में सुधार हेतु ठोस कदम उठाने की मांग के साथ शुक्रवार को सड़क पर उतरकर आंदोलन किया और कलेक्टर के जरिए सूबे के मुख्यमंत्री के नाम चिट्ठी सौंपी है। इस चिट्ठी (ज्ञापन) में आम आदमी पार्टी की तरफ़ से मुख्यमंत्री को कहा गया है कि “आपकी सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में लागू की गई युक्तियुक्तकरण (Rationalization) नीति ने हमारे प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों, शिक्षकों और उनके परिवारों के जीवन में गंभीर असमंजस और गहरी आशंका पैदा कर दी है, इस नीति के कारण यह भय लगातार गहराता जा रहा है कि कहीं प्रदेश के सरकारी स्कूलों का अस्तित्व ही ख़तरे में ना पड़ जाए और शिक्षा ग़रीबों के लिए केवल एक दूर का सपना बनकर ना रह जाए। इस नीति से ऐसा ज़ाहिर होता है कि सरकार शिक्षा के अधिकार को कमज़ोर कर रही है, सरकारी स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने का मार्ग प्रशस्त कर रही है और निजीकरण को बढ़ावा देकर शिक्षा को अमीरों के लिए सुविधाजनक तथा ग़रीबों के लिए कठिन बना रही है। आशंका है कि यदि यह नीति यथावत् जारी रही तो आने वाले वर्षों में सरकारी स्कूल केवल काग़ज़ों तक सीमित रह जाएंगे और शिक्षा का अधिकार केवल गिनी-चुनी कंपनियों के लाभ का साधन बन जाएगा, इससे ग्रामीण, आदिवासी और ग़रीब वर्ग के बच्चों का भविष्य अंधकार में डूब जाएगा, ऐसे हालातों में सामाजिक विषमता भी गहराती चली जाएगी।”


आम जनता, शिक्षक समुदाय और सामाजिक संगठनों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए आम आदमी पार्टी की रायगढ़ जिला इकाई ने जिलाध्यक्ष गोपाल बापोड़िया के नेतृत्व में विष्णुदेव साय सरकार से मांग रखी है कि “युक्तियुक्तकरण नीति को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाए और इस पर पुनर्विचार के लिए शिक्षाविदों, शिक्षक संगठनों और अभिभावकों से संवाद स्थापित किया जाए। स्कूलों के जबरन विलय और शिक्षकों के मनमाने स्थानांतरण पर रोक लगाई जाए, वर्तमान स्थानांतरण नीति में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित की जाए, शिक्षकों के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए ताकि शिक्षा व्यवस्था में आवश्यकतानुसार मानव संसाधन की पूर्ति हो सके, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में स्कूलों की संख्या और गुणवत्ता बढ़ाई जाए ताकि वहाँ के बच्चों को शिक्षा के लिए लंबी दूरी तय ना करनी पड़े और लड़कियों की शिक्षा-सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। शिक्षा का बजट बढ़ाकर अधोसंरचना विकास, स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, स्वच्छ शौचालय जैसी सुविधाएँ सुलभ कराई जाएं।
शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए स्थानांतरण एवं पद समाप्ति से जुड़े सभी निर्णयों को शिक्षक संगठनों के साथ सहमति के आधार पर ही लिया जाए। शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा देने वाली सभी नीतियों पर रोक लगाई जाए और शिक्षा को ग़रीब व मध्यम वर्ग के लिए सुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण बनाए रखा जाए।”
अतः आपसे आग्रह के लहज़े में आम आदमी पार्टी ने सरकार को एक तरह से अल्टीमेटम दे दिया है कि प्रदेश के बच्चों के भविष्य और सामाजिक न्याय की भावना को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त मांगों पर अविलंब कार्यवाही करें, अगर युक्तियुक्तकरण नीति नहीं रोकी गई तो जनता को साथ लेकर आम आदमी पार्टी सड़क पर उतरेगी और अपना विरोध प्रदर्शन करेगी।