अन्नपूर्णा होटल पर ठोका 10 हज़ार का जुर्माना
कलेक्टर ने खाद्य विभाग के अधिकारियों को घरेले एलपीजी रसोई गैस सिलेंडर के व्यावसायिक उपयोग पर कार्रवाई की सख़्त हिदायत दी थी, जिसके परिपालन में नियमित तो नहीं पर रुक-रुककर कार्रवाई की जा रही है। मंगलवार को घरेलू एलपीजी रसोई सिलेंडर का व्यवसायिक उपयोग करते पाए जाने पर एक मामले में कलेक्टर ने 10 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया है। रायगढ़ के रामनिवास टाकीज़ रोड में संचालित अन्नपूर्णा भोजनालय एवं रेस्टोरेंट की जांच खाद्य विभाग के संयुक्त दल द्वारा की गयी, जिसमें यहां घरेलू उपयोग वाला लाल एलपीजी रसोई गैस सिलेण्डर (भर्ती 14.2 किलो ग्राम) का इस्तेमाल होटल के चूल्हे में करना पाया गया। इस संबंध में होटल संचालक को मौक़े पर ही नोटिस दिया गया। प्रकरण में संलग्न प्रतिवेदन एवं दस्तावेज़ों के आधार पर होटल संचालक आनंद शर्मा द्वारा घरेलू एलपीजी रसोई गैस सिलेण्डर का व्यवसायिक किया जाना स्वीकार किया गया। इस मामले में द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस (प्रदाय और वितरण विनियमन)आदेश 2000 के कंडिका-3 (ग) और कंडिका-7.1 (ग) के स्पष्ट उल्लंघन के तहत् जो कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा की धारा 3/7 (1 के अंतर्गत) आनंद कुमार शर्मा-अन्नपूर्णा भोजनालय एवं रेस्टोरेंट पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए घरेलू एलपीजी रसोई गैस सिलेण्डर को राजसात किया गया।
यहां लाख टके का सवाल ये भी खड़ा होता है कि क्या शादी ब्याह पार्टी या दूसरे अवसरों पर केटरिंग का ठेका लेकर काम करने वाली फर्मों पर घरेलू एलपीजी रसोई गैस सिलेंडर के उपयोग की छूट दे दी जाती है? ये सवाल इसलिए भी खड़ा होना लाज़िमी है कि केटरिंग कारोबारी ज़्यादातर घरेलू एलपीजी रसोई गैस सिलेंडर का इस्तेमाल करते देखे जा सकते हैं, चूंकि शादी ब्याह की पार्टी के दौरान खाद्य विभाग कार्रवाई करने की हिमाक़त नहीं करता, इसलिए जैसा चलता आ रहा है, आगे चलता ही जा रहा है। वहीं तक़रीबन अस्सी फ़ीसदी होटल रेस्टोरेंट्स में सालों से घरेलू एलपीजी रसोई गैस सिलेंडर का इस्तेमाल करके तय प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है, मगर कारगर कार्रवाई के अभाव में लगाम नहीं लग पा रही है। वैसे भी महीने दो महीने में इक्का दुक्का कार्रवाई करके काग़ज़ी खानापूर्ति ही की जा सकती है।