आख़िर हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठा है निगम प्रशासन और गर्ल्स कालेज प्रबंधन
पिछले साल 2023 के नवंबर महीने में जब विधान सभा चुनाव के लिए मतदान की तैयारियों में पूरी सरकारी मशीनरी व्यस्त थी, जिसका फ़ायदा उठाकर श्याम टाकीज़ रोड के चार दुकानदारों ने किशोरी मोहन त्रिपाठी गर्ल्स कालेज के आधिपत्य वाले खेल मैदान की ज़मीन पर अतिक्रमण कर लिया, इन दुकानदारों ने अपनी दुकान के पिछले हिस्से को बढ़ाकर गर्ल्स कालेज के खेल मैदान की ज़मीन में अवैध निर्माण किया, गर्ल्स कालेज के तत्कालीन प्रिंसिपल केसी कछवाहा ने अवैध निर्माण बंद करवाकर लिखित पत्र के जरिए निगम कमिश्नर और एसडीएम को शिक़ायत भेजी, प्रिंसिपल की आधिकारिक शिक़ायत के आधार पर निगम प्रशासन ने अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई करते हुए मौक़े से भवन निर्माण सामग्री ज़ब्त की और संबंधित दुकानदारों को नोटिस भी दिया गया, निगम की इस कार्रवाई को आधे साल से ज़्यादा का समय बीत चुका है, मगर अभी भी अवैध निर्माण को ढहाकर गर्ल्स कालेज की ज़मीन अतिक्रमण से मुक्त नहीं कराई जा सकी है, गर्ल्स कालेज का मौजूदा प्रबंधन भी चुप है, हालांकि निगम कमिश्नर ने अतिक्रमण करने वाले इन दुकानदारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की बात की थी, मगर वो बात महज़ ज़ुबानी जमाख़र्च बनकर रह गई, यहां बताना ज़रूरी है कि गर्ल्स कालेज के तत्कालीन प्रिंसिपल केसी कछवाहा से दुकान के पिछले हिस्से की मरम्मत के नाम से मौखिक सहमति लेकर कालेज की ही ज़मीन में अवैध निर्माण किया जा रहा था, अभी अगर ग़रीबों की ठेला गुमटी या फुटपाथ में लगी दुकानें हटाने की बात होती, तो निगम का अतिक्रमणरोधी दस्ता जेसीबी लेकर पिल पड़ा होता, मगर नगर निगम द्वारा अब तक गर्ल्स कालेज की ज़मीन को अतिक्रमण से मुक्त नहीं करवाया जा सका है, जिससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि क़ायदे क़ानूनों की रत्तीभर परवाह ना करने वाले अतिक्रमणकारी दुकानदारों को गर्ल्स कालेज का मौजूदा प्रबंधन, निगम प्रशासन और जिला प्रशासन ने खुली छूट दे दी है, जिसे किसी भी नज़रिए से न्यायसंगत नहीं माना जा सकता।
अब ताज़ा हालात ये हैं कि चारों दुकानदारों ने गर्ल्स कालेज के खेल मैदान के जिस हिस्से में अवैध निर्माण किया है, वहां टीन शेड लगा लिया है, मगर अब भी निगम कमिश्नर ने इस अतिक्रमण को संरक्षण देना बंद नहीं किया है, क़ायदे से तो इस अवैध निर्माण को काफ़ी पहले ढहा देना चाहिए था, ठीक वैसे ही जैसे सरकारी ज़मीन पर किये गये बाक़ी अतिक्रमण को ढहाया जा चुका है। इस क्षेत्र के पार्षद को भी खुलेआम हो रहे अतिक्रमण पर संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि निर्वाचित जनप्रतिनिधि होने के नाते बड़ी जवाबदारी उनकी भी बनती है। स्थानीय विधायक ओपी चौधरी सरकार में क़द्दावर मंत्री हैं, ठीक है उन्हें काफ़ी व्यस्तता रहती है, मगर उनके विधानसभा मुख्यालय के गर्ल्स कालेज की ज़मीन पर खुलेआम किया जा रहा अतिक्रमण उनके लिए भी अतिक्रमणकारियों का खुला चैलेंज है, उन्होंने विधानसभा की समस्याओं के लिए भाजपा के जिन नेताओं को ज़िम्मेदारी सौंपी है, उनको भी गर्ल्स कालेज की ज़मीन पर हुए अतिक्रमण को संज्ञान में लेकर मंत्री जी की जानकारी में डालना चाहिए।