GANPATI
sunground
ABHISHEK
R L ADD
SHALBH AGRWAL ADD
GANGA SEWAK ADD 1
RAJPRIYA ADD
SANJIYANI ADD
ANUPAM ADD
APEX ADD
BALAJI METRO ADD
Untitled-1
TINY TOES
RAIGARH ARTHO 01
RAIGARH ARTHO 02
RAIGARH ARTHO 03
RUPENDR PATEL
RAIGARH ARTHO 03
OP DIWALI 7
VIKAS KEDIYA DIWALI 6
PARDKSH NAYAK DIWALI 7
AG JEWELLERS DIWALI 12
AR GURUP DIWALI 8
CG GIRH NIRMAN DIWALI
HOTAL PUSPAK DIWALI 3
JAYANT DIWALI 7
JEWELLERS DIWALI 10
KHANIJ VIBHAG DIWALI 4
JANKI MAHAPOR DIWALI 7
KIRSHI DIWALI 6
SNIL RAMDAS DIWALI 7
MAHILA BAL VIKAS DIWALI 5
MSP DIWALI 2
PATEL JEWELLERS DIWALI 11
POLICE DIWALI 2
RATTHU DIWALI 3
SANJIVNI DIWALI 5
SHARM VIBHAG DIWALI 6
TAIBAL AFEX DIWALI 7
GAGAN ROD DIWALI 8
KHABAR BAYAR DIWALI 10
KARAN DIWALI 12 copy
MANOJ AGRWAL DIWALI 6
RAIGARH EIPAT SANGH DIWALI
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मेडिकल कॉलेज में हड्डीरोग, फिज़ियोथेपी चिकित्सक और स्टाफ़ का हुआ समागम : कारगर रही कार्यशाला

हड्डी-जोड़ों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने हुई कार्यशाला, खानपान और व्यायाम के साथ सड़क पर संभलकर चलना भी है ज़रूरी

सोमवार को मेडिकल कॉलेज में नेशनल बोन एंड ज्वाइंट वीक मनाया गया। इसे हर साल रायगढ़ ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन द्वारा अगस्त के पहले महीने में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्धेश्य लोगों के बीच हड्डी और जोड़ों के स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता पैदा करना है।जिले के ऑर्थोपेडिक विभाग से जुड़े डॉक्टर, फिजियोथैरेपिस्ट और पुनर्वास से जुड़े डॉक्टर व स्टाफ इस कार्यशाला में मौजूद रहे। जहां मेडिकल कॉलेज की सीपीआर यूनिट द्वारा सबसे पहले दुर्घटना स्थल पर पीड़ितों को सीपीआर कैसे दिया जाए और कैसे उनके वाइटल अंगों (हार्ट, ब्रेन, लंग्स) को स्थिर किया जाए इस बारे में डेमो देकर समझाया। सीपीआर के बारे में डॉ एएम लकड़ा और डॉ निधि असाटी ने प्रेजेंटेशन दिया।

छत्तीसगढ़ ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ बीआर पटेल ने वर्कशॉप में बताया कि इस सप्ताह को मनाने के पीछे हमारा उद्देश्य यह है कि हड्डी और ज्वाइंट से संबंधित बीमारियों के प्रति हम और जान सकें और इसमें जो नवाचार हो रहा है उसे एक दूसरे को बताएं। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले आर्थोपेडिक विभाग को ज्यादा तवज्जो नहीं दी जाती थी लेकिन जैसे आबादी के साथ वाहनों की रफ्तार बढ़ी सड़कों पर हादसे बढ़े जिसके परिणाम स्वरूप आज की स्थिति में आर्थोपेडिक विभाग की सबसे ज्यादा डिमांड अस्पतालों में है। ऑर्थोपेडिक सर्जन अभी के समय में सबसे व्यस्त डॉक्टर हैं। तो ऐसे में हम ऑर्थोपेडिक से जुड़े हुए लोगों की यह जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि हमें समय के साथ-साथ और ज्यादा गंभीर व छोटी- छोटी हड्डी रोग से जुड़ी बातों पर ध्यान देना होगा। जितने हादसे होते हैं उसमें से बहुत ही कम अस्पताल तक पहुंचते हैं। घटनास्थल पर जो भी पहले रेस्पोंडेंट होता है उसे पीड़ित को स्टेबल करना होता है। देशभर में 4,80,682 दुर्घटनाएं हर साल होती हैं । जिनमें 1,50785 मौतें हर साल, 17 मौतें प्रति घंटा, वहीं 1317 एक्सीडेंट प्रतिदिन यानी 55 एक्सीडेंट प्रति घंटा हो रही हैं।

कार्यशाला में जिला अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ राजकुमार गुप्ता ने बताया कि हड्डियां और ज्वाइंट हर मानव शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। बिना हड्डियों के मानव शरीर की संरचना संभव ही नहीं है। ज्वाइंट और हड्डियों के कारण ही हमारा शरीर चलने, उठने, बैठने, झुकने, किसी चीज को उठाने जैसे महत्वपूर्ण काम कर सकता है। हड्डियों और ज्वाइंट के इतना महत्वपूर्ण होने के बावजूद लोग इनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं है। आज गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर हड्डियों से जुड़ी बीमारी बन चुका है। यह बीमारियां लोगों के आम जीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर रही है। नेशनल बोन एंड ज्वाइंड डे का उद्देश्य ही आम लोगों को हड्डियां क्यों जरूरी है, हड्डियों की बीमारियां न हो इसके लिए क्या करना चाहिए और हड्डियों की समस्या से कैसे बचा जा सकता है, इसके बारे में जागरूक करना है।
डॉ गुप्ता ने वर्कशॉप में कहा कि जरूरत से ज्यादा मोटापा भी आपकी बोन हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में हड्डी और जोड़ों की सेहत को बनाए रखने के लिए अपना एक आदर्श वजन बनाए रखें। ध्यान रखें आपका बीएमआई (बॉडी मास इंडैक्‍स) अत्‍यधिक या बेहद कम नहीं होना चाहिए क्‍योंकि यह हडि्डयों के स्‍वास्‍थ्‍य की दृष्टि से सही नहीं होता। इस कार्यशाला में डॉ बीआर पटेल, डॉ शरद अवस्थी, डीन डॉ पीएम लुका, डॉ राजकुमार गुप्ता, डॉ सिद्धार्थ सिन्हा, डॉ प्रवीण जांगड़े, डॉ दिलेश्वर पटेल, डॉ दिनेश पटेल, डॉ डोलेश्वर पटेल, डॉ अजय पटेल और डॉ आकाश पंडा समेत आर्थोपेडिक, फिजियोथेरेपी के डॉक्टर्स एवम स्टाफ मौजूद थे। इस कार्यशाला में डीन डॉ पीएम लुका और हॉस्पिटल सुप्रिटेंडेंट डॉ मनोज मिंज का विशेष सहयोग रहा।

नशे से बनाएं दूरी, नियमित व्यायाम है जरूरी : डॉ. सिन्हा
डॉ सिद्धार्थ सिन्हा ने बताया कि धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन से हड्डियों के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। धूम्रपान कैल्शियम के अवशोषण में बाधा डालता है, महिलाओं में एस्ट्रोजेन के स्तर को कम करता है और हड्डियों के नुकसान को तेज करता है। बिजी लाइफस्टाइल की वजह से अगर फिजिकल एक्टिविटी में कमी है तो ये आपकी हड्डी और जोड़ों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में नियमित शारीर‍िक व्‍यायाम, वज़न उठाने वाले व्‍यायाम, सैर, दौड़ना और सीढ़‍ियां चढ़ना जैसी गतिविधियों को रूटीन में शामिल करके हड्डियों को मजबूत बनाने और उनका क्षय कम करने की कोशिश की जा सकती है। पर्याप्‍त मात्रा में कैल्शियम का सेवन करें। 19 से 50 साल की उम्र के वयस्‍कों और 51 से 70 साल की उम्र के पुरुषों को प्रतिदिन 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम-रिमन्‍डेड डायटरी अलाउंस (RDA) के सेवन की सलाह दी जाती है। 51 वर्ष और अधिक उम्र की महिलाओं तथा 71 वर्ष और अधिक उम्र के पुरुषों के मामले में यह मात्रा बढ़ाकर 1200 मिलीग्राम प्रतिदिन करने की सलाह दी गई है। डेयरी उत्‍पाद, बादाम, ब्रॉकली, केल, कैन्‍ड सैल्‍मन (हडि्डयों समेत), सार्डिन्‍स और सॉय उत्‍पाद जैसे टोफू आदि कैल्शियम के अच्‍छे स्रोत हैं।

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