कार्डिनल रोटी बैंक ने शुरू की “हर घर मुस्कान वाली दीवाली” मुहिम
ग़रीब,जरूरतमंद,अनाथ आश्रम, वृद्धा आश्रम में लोगों के सहयोग से बंटते हैं कपड़े, मिठाई और पटाखे
हर साल की तरह इस बार भी कार्डिनल चार्जर्स ने दीवाली त्यौहार ग़रीब-ज़रूरतमंदो-अनाथ आश्रम-वृद्धा आश्रम में मनाने जा रहा है। इसके लिए संस्था ने लोगों से सहयोग की अपील की है, ताकि वह अधिक से अधिक लोगों के चेहरे पर दीवाली के दिन खुशियां बिखेर सकें। संस्था की इस मुहिम को पूरे शहरवासियों का सहयोग मिलता है और सभी इनका उत्साहवर्धन भी करते हैं।
ज़रूरतमंदों और वंचितों के बीच दीवाली की ख़ुशियां बांटने संस्था के साथ शहरवासी भी जुड़ते हैं। समय के साथ कार्डिनल रोटी बैंक की यह मुहिम और भी व्यापक हो रही है। संस्था के अध्यक्ष अरूण उपाध्याय ने बताया “दीवाली के दिन घर किसी घर में इसकी ख़ुशियां महकें। ग़रीबों-वंचितों के लिए हम लगातार खाना पहुंचाते रहे हैं, तो दीवाली में उन्हें क्यों छोड़ दे। शहर के कई लोगों ने हमारी मुहिम को सराहा है, फिर चाहे वह डॉक्टर, नेता, पत्रकार कोई भी हो। सभी ने वीडियो संदेश बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया है, लोगों का अच्छा रिस्पांस आ रहा है, यह हमारे विश्वास को और बढ़ाता है। रायगढ़ दानवीरों की नगरी है। जिनके पास अतिशेष कपड़ा, मिठाई, पटाखे या फिर जो स्वेच्छा से दान करना चाहते हैं, उनके लिए बस हम एक जरिया मात्र हैं। लोग 28 अक्टूबर तक हमें सामान दे सकते हैं फिर 30 तारीग़ से हम इसे बांटना शुरू करेंगे। “
कलेक्टर कार्तिकेया गोयल और एसपी दिव्यांग पटेल ने कार्डिनल चार्जर्स की हर घर दीवाली मुहिम की तारीफ़ करते हुए संस्था की हैसला अफ़जाई की और लोगों से सहयोग के लिए अपील भी की। संस्था को उन्होंने भी सहयोग किया और समाज सेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी किया।
शहर में जन्मदिन, विवाह, दशकर्म या ऐसा कार्यक्रम, जहां भोजन की व्यवस्था हो और आख़री में खाना बच गया हो, तो लोग अब उसे फेंकते नहीं,ग़रीब और ज़रूरतमंदों के बीच बांटकर उनके चेहरों पर ख़ुशी और ज़रूरत को पूरा कर रहे हैं। उन्हें इस अन्नदान के पुण्य का भागी बना रही है रोटी बैंक की टीम, जो शहर के युवाओं का समूह कार्निल चार्जर्स की मुहिम है। रोटी बैंक ने बीते चार सालों से बचे हुए खानों को ज़रूरतमंदों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। सिर्फ़ बचा हुए खाना ही नहीं, लोग अब उन्हें अपने परिजनों के जन्मदिन, पुण्यतिथि इत्यादि में गर्मागर्म भोजन बनवाकर बंटवा रहे हैं।