चौक चौराहों में सर उठा रही है गुंडाग़र्दी, हर रोज़ मारपीट की घटनाओं से बिगड़ रही शांति व्यवस्था
सरकार चाहे कांग्रेस की हो भाजपा की, अराजक तत्वों को खुला राजनैतिक संरक्षण मिलता आ रहा है, पता नहीं सो काल्ड नेताओं को ये काहे लगने लगता है कि अराजक तत्वों को संरक्षण देकर वो अपना वज़ूद मज़बूती से बनाये रख सकते हैं। अरे भई, जनता ने तुम्हें चुनकर अपना प्रतिनिधि बनाया है, इसका मतलब ये क़तई नहीं हो जाता कि तुम लफंगों को पोसने लग जाओ और अशांति की वजह से लोगों में असुरक्षा का भाव आ जाये।
अब कल की ही बात को ले लीजिए, चुने हुए पार्षद से इंदिरा नगर क्षेत्र में अराजक तत्वों ने रात के अंधेरे में जमकर मारपीट की, भाजपा पार्षद का सिर फूट गया है, पार्षद पर हुए हमले को उनके समर्थकों और निगम के सर्वदलीय पार्षदों ने कोतवाली के सामने प्रदर्शन किया, यहां लाख टके का सवाल ये है कि भाजपा पार्षद पर प्राणघातक हमला करने वाले लड़के आख़िर किस राजनैतिक दल से संबंधित हैं?
कोतरा रोड में दशरथ पान ठेले के पास और बावली कुआं क्षेत्र के दो अलग अलग दलों में वर्चस्व की लड़ाई दिनों दिन गंभीर होती जा रही है, महज़ हफ़्ते भर पहले दोनों गुटों में ख़ूनी मारपीट हुई, मामला थाने तक पहुंचा, तक़रीबन आधा दर्ज़न लड़कों की गिरफ़्तारी भी हो गई, अब यहां भी सवाल वही है कि इन दोनों गुटों में से एक को कांग्रेस के शासन काल में संरक्षण था, तो दूसरे गुट को अब बीजेपी के शासनकाल में संरक्षण मिलता दिखाई दे रहा है। इस इलाक़े में दोनों गुटों के बीच समय समय पर होने वाली ख़ूनी जंग को देखकर लोगों की धारणा बनती जा रही है कि अगर समय रहते क़ानून व्यवस्था के लिहाज़ से दोनों गुटों पर राजनैतिक दखल की परवाह किए बिना अंकुश नहीं लगाया गया तो किसी न किसी की हत्या तक हो सकती है।
कोलवाशरी विवाद में दोनों पक्षों की तरफ़ से जो आतंक का माहौल रचा गया और शहर के जिन चेहरों का इस्तेमाल दोनों पक्षों ने किया, उन सभी को खुला राजनैतिक संरक्षण मिला था, तभी तो इस पैमाने पर खूनी वारदात को अंजाम दे पाये, जब इन्हें ज़मानत मिली तो शहर में उनके स्वागत में जुलूस निकाला गया, पटाखे फोड़े गये।
गुटीय संघर्षों के कारण ऐसे अराजक हालात हर तरफ़ तेज़ी से बनते जा रहे हैं, गुंडागर्दी के साथ नशे का अवैध कारोबार भी ख़ूब चल रहा है, अभी सबसे ताक़तवर राजनेता हमारे अपने विधायक ओपी चौधरी हैं, इसलिए उनकी नैतिक ज़िम्मेदारी बनती है कि क्षेत्र की क़ानून व्यवस्था को चैलेंज करने वाले अराजक तत्वों के ख़िलाफ़ अभियान चलाने के लिए पुलिस को इस भरोसे के साथ निर्देशित करें कि कार्रवाई के दौरान किसी भी राजनैतिक दखल की परवाह नहीं करना है।