संविधान दिवस पर आयोजित किया गया जागरुकता कार्यक्रम, प्रस्तावना वाचन, क्विज़ और प्रेरक उद्बोधन संपन्न
छत्तीसगढ़ शासन और स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. के.व्ही. राव के मार्गदर्शन में भारतीय संविधान के 75 वें स्थापना दिवस के अवसर पर संविधान दिवस का कार्यक्रम विद्यालय एवं शैक्षणिक संस्थानों में उत्साह के साथ मनाया गया। इसी कड़ी में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तारापुर में 26 नवंबर मंगलवार को संविधान स्थापना दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं को भारतीय संविधान के विभिन्न तथ्यों के बारे में शिक्षकों द्वारा जानकारी दी गई, वहीं छात्र-छात्राओं ने भी भारतीय संविधान को लेकर अपने विचार व्यक्त किये। विद्यालय में संपन्न संविधान दिवस कार्यक्रम के दौरान संस्था के प्रभारी प्राचार्य भोजराम पटेल द्वारा छात्र-छात्राओं को बताया गया कि “हमारे संविधान निर्मात्री समिति के अध्यक्ष भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि संविधान श्रेष्ठ और उत्कृष्ट होने के बावजूद यदि उसके पालन करने वाले लोग समर्पित और ईमानदार ना हों, तो वह हमारे लिए उपयोगी नहीं हो सकता, इसलिए ज़रूरी है कि हम ख़ुद को देश के लिए समर्पित और ईमानदार बनाएं, तभी हमारा संविधान हम सबको श्रेष्ठ नागरिक के रूप में प्रतिष्ठा दिला सकता है।” भारतीय संविधान को विश्व का श्रेष्ठ संविधान बताते हुए उन्होंने कहा कि “हमारे संविधान में कार्यपालिका न्यायपालिका की व्यवस्था से लेकर अधिकार कर्तव्य और उन तमाम विषयों को शामिल किया गया है, जो किसी भी देश के नागरिक के लिए तथा देश में कानून व्यवस्था बनाने के लिए आवश्यक होते हैं।”
इस अवसर पर संस्था के प्रधान पाठक कुमार साहू ने भी अपना वक्तव्य दिया, माध्यमिक प्रखंड के युवा शिक्षक मनोज कुमार ने भारतीय संविधान के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी, कार्यक्रम का संचालन करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी एवं राजनीति विज्ञान के व्याख्याता श्रीमती मंजू पटेल ने भारतीय संविधान तथा इसके अहम तथ्यों के बारे में छात्र-छात्राओं को बिंदुवार जानकारी दी साथ ही भविष्य में इस तरह के कार्यक्रमों में उत्साह के साथ भाग लेने का आग्रह भी किया। इस अवसर पर संस्था के वरिष्ठ व्याख्याता चंद्रशेखर पटेल, चंद्रकांता सिदार, ज्योति देवांगन, शिक्षक रामेश्वर डनसेना, रीता चौहान, माध्यमिक खंड से सुधाबाला नायक, किरण पटेल एवं अन्य शिक्षकों की भी सक्रिय भागीदारी रही।अंत में संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ करते हुए कार्यक्रम को विराम दिया गया
इसी आयोजन के दौरान भारतीय संविधान से संबंधित जानकारियों को लेकर एक क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें विजेताओं को तुरंत पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। क्विज़ प्रतियोगिता में पूछे गए सवाल भी बड़े ही रोचक और ज्ञानवर्धक थे, जिसमें संविधान को निर्माण करने में कितने दिन का समय लगा ? संविधान सभा के सदस्यों की संख्या कितनी थी ? संविधान कब स्वीकार किया गया, कब लागू किया गया? रायगढ़ जिले से संविधान सभा में शामिल सदस्य कौन थे? संविधान के कौन-कौन से भाग किस-किस देश से लिए गए हैं? ऐसे तमाम प्रश्नों के माध्यम से विद्यार्थियों में भारतीय संविधान के प्रति जागरूकता का संदेश दिया गया। विदित हो कि रायगढ़ से पंडित किशोरी मोहन त्रिपाठी संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य रहे, जो हमारे जिले के लिए गौरव का विषय है, इसे विद्यार्थियों को अवगत कराया जाना भी चाहिए ।
संविधान दिवस के अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं को भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन करने का अवसर देकर उनकी प्रतिभा का परख किया गया, जिसमें माध्यमिक, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्तर के बच्चों ने भारतीय संविधान की आत्मा कही जाने वाली प्रस्तावना का संपूर्ण वाचन कर अपनी बौद्धिक उत्कृष्टता का परिचय दिया। विदित हो कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तारापुर में प्रतिदिन छात्र – छात्राओं को प्रातःकालीन प्रार्थना और राष्ट्रगीत के साथ भारतीय संविधान की प्रस्तावना का भी वाचन कराया जाता है।