
अपने सख़्त और ईमानदार तेवरों की वजह से सुर्ख़ियों में रहने वाले आईएएस अमित कटारिया मई 2011 से अक्टूबर 2013 तक रायगढ़ में पदस्थ रहे, इस दौरान दिग्गज भाजपा नेता का गेट आऊट कांड और शहर में सड़क चौड़ीकरण, जयसिंह तालाब बीड़पारा को अतिक्रमण से पूरी तरह से मुक्त कराया जाना रायगढ़ के शहरी विकास की दिशा में दूर की कौड़ी साबित हुआ था, वहीं उनके कार्यकाल में ही अधीनस्थ राजस्व अधिकारियों की मिली भगत से एनटीपीसी में ज़मीन की टुकड़ों में रज़िस्ट्री करवाकर बड़े पैमाने पर बोनस घोटाले को अंजाम दिया गया था, जिसके सामने आने के बाद कई घाघ शातिर लोगों को एफ़आईआर से बचने के लिए बोनस की राशि लौटानी पड़ी थी। अपने कार्यकाल के दौरान जिन शहर की जिन 25 सड़कों के चौड़ीकरण का काम शुरू हुआ, उसे लेकर भी आरोप लगा था कि बिल्डर्स को फ़ायदा पहुंचाने के लिए ख़ास ईलाकों की सड़कें चौड़ी करवाई जा रही हैं, मगर आज उन्हीं चौड़ी सड़कों की वजह से रायगढ़ शहर यातायात के नज़रिए से पहले की तुलना में पूरी तरह तो नहीं पर कुछ हद तक उन्नत हुआ है। भारी विरोध के बावजूद जयसिंह तालाब बीड़पारा का अतिक्रमण हटाने में तत्कालीन कलेक्टर अमित कटारिया और एसपी राहुल शर्मा की भूमिका कभी भुलाई नहीं जा सकेगी, चंद घंटों के भीतर ही पचासों अवैध परमानेंट स्ट्रक्चर को नेस्तनाबूद कर दिया गया था, आज उसी जयसिंह तालाब गार्डन का लाभ शहरवासी ले रहे हैं, हालांकि अभी भी बहुत कुछ बेहतर किये जाने की ज़रूरत हैं।
आईएएस अमित कटारिया ने रायगढ़ पदस्थापना के दौरान सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण के ख़िलाफ़ ऐसा आदेश जारी किया था, जिससे पूरे अविभाजित रायगढ़ जिले में (तब सारंगढ़ भी रायगढ़ जिले का हिस्सा था) पेशेवर अतिक्रमणकारियों के बीच हड़कंप मच गया था। जिला प्रशासन की तरफ़ से आदेश जारी हुआ था कि जिले में जितने भी सरकारी विभागों के कार्यालय, स्कूल, कॉलेज भवन हैं, उनके परिसरों के आसपास सरकारी ज़मीन पर किये गये अतिक्रमण को हटाने की ज़िम्मेदारी संबंधित विभाग प्रमुख, स्कूल कॉलेज प्रबंधन की है, निर्धारित समय सीमा तक अतिक्रमण नहीं हटे तो संबंधित विभाग प्रमुख या स्कूल कॉलेज प्रबंधन के ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी। कलेक्टर के इस आदेश का व्यापक असर शहर में तो कम मगर ग्रामीण क्षेत्रों में ज़्यादा दिखने लगा था, लोग स्वत: अपने परमानेंट स्ट्क्चर्स को हटाने लगे थे। आज जब रायगढ़ में अतिक्रमणरोधी अभियान चलाये जाने की ज़रूरत महसूस की जा रही है तो जिला प्रशासन की तरफ से ऐसे ही किसी आदेश का जारी होना और उसका सख़्ती से पालन करवाना ज़रूरी हो गया है।