क्या इस बार आगे निकल पायेगा जयंत सलीम पूनम का विजय रथ

नगरीय निकाय चुनाव की तारीख़ों का ऐलान अब भले ही ना हो सका, मगर नगर निगम रायगढ़ के सभी अड़तालिस वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। इस बार निगम चुनाव में फ़तेह हासिल करने के लिए सत्तारूढ़ दल भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस ने अपनी अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। ख़बर है कि इस बार भारतीय जनता पार्टी ने लगातार सातवीं बार वार्ड नंडर 12 के विजय रथ में सवार होकर आगे बढ़ते जा रहे मौजूदा सभापति जयंत ठेठवार और वार्ड नंबर 17 से मेयर इन कौंसिल के सदस्य शेख सलीम नियारिया के ख़िलाफ़ तगड़ी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है, भाजपाई खेमे से ऐसा निकलकर आ रहा है कि सलीम और जयंत के ख़िलाफ़ उन्हीं के वार्ड से किसी महिला प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है, मगर ना केवल सलीम जयंत के वार्डवासी बल्कि शहर में लोगों का मानना है कि इनके ख़िलाफ़ अगर दिल्ली से सोनिया, राहुल या प्रियंका गांधी के अलावा नरेंद्र मोदी, अमित शाह या राजनाथ सिंह जैसे नेता भी चुनाव लड़ेंगे तो हार जायेंगे। हालांकि चुनावी राजनीति में ऐसी किसी भी मान्यता के लिए कोई जगह नहीं होती।

इधर वार्ड नंबर 18 से मौजूदा नेता प्रतिपक्ष और बेहद सक्रिय भाजपा नेत्री पूनम दिबेश सोलंकी के ख़िलाफ़ कांग्रेस ने भी मोर्चेबंदी शुरू कर दी है, कांग्रेस ने इस बार पक्के तौर पर सोलंकी दंपत्ति को हराने के लिए ऐसे पावरफूल प्रत्याशी की तलाश में दिन रात एक करना शुरू कर दिया है, जो वार्ड के सभी मतदाताओं के घरों तक अपनी सकारात्मक पहुंच रखता हो। आने वाला नगर निगम चुनाव रणनीति के लिहाज़ से हाई प्रोफ़ाईल और सरगर्मी भरा होने वाला है। बहरहाल अब देखना होगा कि जयंत ठेठवार, सलीम नियारिया, पूनम दिबेश इस बार का चुनाव जीत पाते हों या चक्रव्यूह में फंसकर इनके विजयरथ का पहिया धंस जायेगा। वैसे भाजपा पूनम दिबेश और कांग्रेस जयंत सलीम का टिकट काटने का ख़तरा मोल नहीं लेगी।