रायपुर भिलाई में भी सीबीआई का छापा, वित्तमंत्री ओपी की आई प्रतिक्रिया
सीबीआई ने बुधवार की भोर पीएससी घोटाले की जांच के सिलसिले में छत्तीसगढ़ के चार बड़े शहरों में छापेमारी को अंजाम दिया है, बिलासपुर में बड़े कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के घर सीबीआई ने छापा डाला है, छत्तीसगढ़ की पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए बहुचर्चित लोक सेवा आयोग CGPSC घोटाले की जांच के दायरे में इस छापामार कार्रवाई को सीबीआई ने अंजाम दिया है। सीबबीआई की तक़रीबन दस सदस्यीय टीम बिलासपुर के यदुनंदन नगर स्थित राजेंद्र शुक्ला के निवास पर पर पहुंची, सीबीआई टीम ने घर के अलग अलग हिस्सों की जांच की है और ज़रूरी दस्तावेज़ों की गहन छानबीन भी की, छत्तीसगढ़ पीएससी में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार की घटनाओं का खुलासा हो चुका है , जिसमें ये पता चला कि नियमों को दरकिनार कर कांग्रेस नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के रिश्तेदारों की की गई थी, दिसंबर महीने में चुनकर आई भाजपा सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सीबीआई को जांच सौंप दी थी, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के बेटे स्वर्णिम शुक्ला वर्तमान में डिप्टी कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं, इनका नाम भी सीजीपीएससी घोटाले में सामने आ चुका है, छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले में फिलहाल कथित तौर पर घिरे स्वर्णिम शुक्ला के नाम को लेकर सीबीआई ने सवाल उठाए, जांच के दौरान बिलासपुर के ही हाईटेक बस स्टैंड के पास स्थित राजेंद्र शुक्ला नए मकान पर भी सीबीआई टीम पहुंची, छापामार टीम में शामिल अधिकारियों द्वारा घोटाले से जुड़े लोगों से गहन पूछताछ भी की जा रही है।
ख़बर है कि सीबीआई की अलग अलग टीमों ने बिलासपुर के अलावा रायपुर भिलाई में भी छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया है, सरकार में आने से पहले ही छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले को मौजूदा वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने तथ्यों के साथ उठाया था, बीजेपी ने विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा आंदोलन भी किया था, आज जब प्रदेश में सरकार बीजेपी की है, पीएससी घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी जा चुकी है और सीबीआई छापामार कार्रवाई के जरिए एक्शन में आ चुकी है, तो ऐसे में वित्तमंत्री ओपी चौधरी का बयान बेहद अहम हो जाता है, उन्होंने अपनी तात्कालिक प्रतिक्रिया में कहा है कि “छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पांच साल के शासनकाल में माफियाराज ने खूब सर उठाया, पीएससी में खुला भ्रष्टाचार कर युवाओं के भविष्य को दांव पर लगा दिया, अब सुशासन के दौर में पीएससी घोटाले के भ्रष्टाचारी बेनक़ाब होंगे, अब युवाओं के साथ अन्याय नहीं होगा, बल्कि उन्हें न्याय मिलेगा।