लंबे समय से ख़राब शहर की सड़कों की दशा सुधारने के लिए विधायक और केबिनेट मंत्री ओपी चौधरी के प्रयासों से क़वायद तेज़ हो चुकी है, शहर के अलग अलग क्षेत्रों में सड़कों के डामरीकरण का काम गुणवत्ता के साथ होता हुआ देखा जा सकता है। केलो विहार से जगन्नाथपुरम कॉलोनी तक की सड़क के लिए भी डामरीकरण का बहुप्रतीक्षित काम शुरू हो गया है, जिससे इस क्षेत्र के बाशिंदे काफ़ी राहत महसूस करने लगे हैं, मगर सड़क किनारे नाली नहीं होने के कारण इसी क्षेत्र के निवासी उमाशंकर पटेल और रमेश कुमार बेहरा घर के सामने सड़क पर घर का गंदा पानी खुले में लंबे समय से बहाया जाता रहा है, सड़क डामरीकरण से पहले भी तक़रीबन ऐसे ही हालात बने हुए हैं। इन हालातों में सड़क पर गंदे पानी के रूप में बह रही गंदगी ने लोगों के स्वास्थ्य के लिए ख़तरा तो पैदा कर ही दिया है, डामरीकरण के बाद सड़क के भविष्य पर भी सवाल खड़ा कर दिया है, क्योंकि बीटी सड़क का दुश्मन पानी होता है और अवैध नालियों का गंदा पानी सड़क में बहता रहेगा, तो गुणवत्ता पर सीधा प्रभाव पड़ेगा और डामर सड़क बनने के बाद निश्चित रूप से उखड़ने भी लगेगी। बेहतर होगा कि सड़क डामरीकरण से पहले या तो उमाशंकर पटेल और रमेश कुमार बेहरा जी के घर के पास गंदे पानी की निकासी के लिए निगम द्वारा नाली बना दी जाये या फिर जब तक नाली नहीं बन जाती तब तक इन घरों में सोक-पिट बनाने के लिए मकान मालिक को साफ़तौर पर कहा जाये। जब तक ऐसा नहीं करेंगे डामरीकरण के बाद सड़क के भविष्य पर अनिश्चितता बनी रहेगी जिससे व्यापक तौर पर जनहित भी प्रभावित होगा।
गुणवत्तापूर्ण विकास की प्रतिबद्ध कोशिशों पर बट्टा लगा रही ठेका कंपनी
केलो विहार से जगन्नाथपुरम कॉलोनी तक सड़क डामरीकरण का काम शुरू हो चुका है, मगर एक तरफ़ जहां सड़क किनारे नाली नही होने के कारण रमेश बेहरा और उमाशंकर पटेल…