मेले में सब दो पैसा कमाने की चाह लेकर सभी बैठे हैं भाई
रायगढ़ का ऐतिहासिक जन्माष्टमी मेला अपनी भरपूर ऊर्जा के साथ शुरू हो चुका है, हर साल की तरह इस साल भी ना केवल शहर बल्कि आसपास दूरदराज़ के गांवों से बड़ी तादाद में मेला दर्शनार्थी भी आने शुरू हो गये हैं, जन्माष्टमी मेला के लिए सभी छोटे बड़े दुकानदार खानपान की चीज़ों से लेकर खिलौने कपड़े सहित दूसरे सामानों की खूब बिक्री करते हैं, इस मेले से दो पैसा कमाने की चाह बाज़ार में बैठे हल दुकानदार को रहती है। सामान्य दिनों में जहां रात साढ़े दस से ग्यारह बजे तक दुकानें बंद करवा दी जाती हैं, वहीं मेला के मद्देनज़र रात बारह साढ़े बारह बजे तक दुकानें खुली रहती हैं। बावजूद इसके पुलिस की अलग अलग टीमें छोटे ठेलों गुमटियों खोमचों को सवा दस बजे से ही बंद करवाने के लिए निकल पड़ती हैं, वहीं आईसक्रीम पार्लर, फ़ास्ट फ़ूड सेंटर, होटल देर रात तक खुले रखने की अघोषित छूट दे दी जाती है। रात में दुकानें बंद करवाने को लेकर पुलिस प्रशासन का ऐसा दोहरा मापदंड किसी एंगल से उचित नहीं है। जब बड़े होटलों और मीनाबाज़ार को मेले में व्यवसाय संचालन के लिए टाईमिंग को लेकर छूट दी जा रही है, तो छोटे दुकानदारों पर भी रहम दिखाया जाना चाहिए, आख़िर मेले में दो पैसा कमाने तो सभी बैठे हैं, वैसे भी तीन चार दिनों की तो बात है…