रायगढ़। लारा स्थित भारत सरकार के पावर प्रोडक्शन प्रोजेक्ट एनटीपीसी से फ़्लाई ऐश परिवहन का काम करने वाले ट्रांसपोर्टर्स इन दिनों बेहद नाराज़ चल रहे हैं, छत्तीसगढ़ फ़्लाई एसोसिएशन की नाराज़गी तब बड़े पैमाने पर उभरकर आई, जब रविवार की दोपहर एनटीपीसी लारा संयंत्र के मेनगेट के सामने पहुंचकर सभी ट्रांसपोर्टर्स ने कारखाना प्रबंधन के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की। छत्तीसगढ़ फ़्लाई एसोसिएशन का लारा एनटीपीसी प्रबंधन पर आरोप है कि फ़्लाई के ओवरलोड के लिए मज़बूर किया जा रहा, जबकि हम अपनी वाहनों को अंडरलोड चलाना चाहते हैं। फ़्लाई एसोसिएशन का यह भी कहना है कि ट्रांसपोर्टर्स के लिए हर दिन नये नये नियम बनाकर अत्याचार किया जा रहा है, साथ ही ऐसे नियमों की आड़ में बेजा वसूली भी की जा रही है। कारखाना के सामने काफ़ी देर तक विरोध प्रदर्शन करने के बाद सभी ट्रांसपोर्टर्स वापस लौटे।
इस आंदोलन के दौरान छत्तीसगढ़ फ़्लाई एसोसिएशन रायगढ़ के राजू गुप्ता, मुकुंद गुप्ता, सोनू सिंह चौहान, बंटी अग्रवाल,अनुज अग्रवाल,करण अग्रवाल, शुभम् अग्रवाल, अमित अग्रवाल, अखिल अग्रवाल, निहाल अग्रवाल, गौतम सोनी, साकिब, मनोज नायक, प्रवीण रुंगटा, देवेंद्र नायक, मनोज यादव, देवेन्द्र खत्री ने शामिल होकर अपनी आवाज़ सामूहिक तौर पर बुलंद की, अगर इस विरोध प्रदर्शन का असर लारा एनटीपीसी प्रबंधन पर नहीं पड़ता और बेवजह के नियम बनाकर ट्रांसपोर्टर्स को परेशान करना बंद नहीं हुआ, तो आगे बड़ा आंदोलन भी किया जायेगा।
वर्सन “फ़्लाई ऐश ट्रांसपोर्टिंग का काम ठेके पर दिया गया है, जिन ट्रांसपोर्टर्स को समस्या है, वो अपने ठेकेदार से बात करें, इनसे NTPC का सीधेतौर पर कोई वास्ता नहीं है। प्लांट प्रबंधन द्वारा किसी भी ट्रांसपोर्टर को ओव्हरलोड नहीं दिया जा रहा है और ना ही भविष्य में दिया जायेगा, NTPC LARA प्रोजेक्ट प्रबंधन पर लगाये जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं” – बीपी साहू, जनसंपर्क अधिकारी NTPC LARA PROJECT