
पिछले कई दिनों से अपनी हर रोज़ की सुबह फ़्लोरोसेंट कलर वाली अपनी नई स्पोर्ट्स साईकिल सवार होकर शहर भ्रमण पर निकलने वाले महापौर जीवर्धन चायवाले सोशल मीडिया में छाये हुए हैं, महापौर महोदय की तरफ़ से नियमित तौर पर जारी किये जाने वाले समाचारों के जरिए शहर की जनता में ये संदेश दिया जा रहा है कि आपने विधायक ओपी चौधरी के भरोसे में भाजपा के चुनाव चिन्ह पर बटन दबाकर जिस प्रत्याशी को महापौर के लिए चुना, वो महापौर की हैसियत से जनता की सड़क, बिजली, पानी और सफ़ाई जैसी मूलभूत सुविधाओं के प्रति कितना गंभीर है, कितना संवेदनशील है। अब तो महापौर के साथ सभापति ने भी सुबह की साईकिल-सैर को ज्वाईन कर लिया है। अच्छी बात है, जनता की समस्याओं से रूबरू हो रहे हैं, ये अलग बात है कि इस साईकिल-सैर का कितना लाभ शहरवासियों को भविष्य में मिल पाता है। क़ायदे से देखा जाये तो महापौर सभापति को अपनी सुबह की साईकिल-सैर में शहर के उन प्रमुख क्षेत्रों चौक चौराहों को भी शामिल करना चाहिए, जहां बेइंतहा अतिक्रमण ने समूची व्यवस्था को चौपट करके रख दिया है और ये अतिक्रमण कांग्रेस और भाजपा के स्थानीय नेताओं के गठजोड़ का नतीजा है, जो कि अब शहर के लिए नासूर बन गया है। ढिमरापुर चौक से कोतरा रोड थाने तक का ईलाक़ा भी अव्यवस्थाओं के लिहाज़ से संवेदनशील हो चुका है, इस क्षेत्र में दर्ज़नभर से ज़्यादा निजी क्षेत्र की आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाएं संचालित हैं, जिनमें बड़े पैमाने पर अनियमितताएं बरती गई हैं। अभी कुछ ही दिनों पहले कोतरा रोड क्षेत्र में दशरथ पान ठेला के आगे निर्माणाधीन भवन को नोटिस देकर काम बंद करवाया गया था, मगर निगम की नोटिस का रत्तीभर भी असर नहीं पड़ा, अब तो दूगुने रफ़्तार से निर्माण जारी है, राधाकृष्ण मंदिर के पास छोटे से भूखण्ड में बेसमेंट के साथ निर्माण कार्य किया जा रहा है, क्या यह उचित है, श्याम टॉकीज़ रोड की आधा दर्ज़न दुकानों द्वारा किया गया अतिक्रमण प्रमाणित है, शांति लॉज के पास वधू साड़ी की बगल में बहुमंजिला ईमारत बनकर खड़ी है, जिसे निगम प्रशासन ने अवैध घोषित किया था, बड़े पान भंडार के सामने पुरानी हटरी की तरफ़ जाने वाली ताला-चाबी कारीगरों वाली गली के ऊपरी हिस्से को छज्जा निकालकर दोनों तरफ़ से अतिक्रमण किया गया है। स्थानीय नेताओं के संरक्षण में खुले आम किये गये अतिक्रमण की जांच के लिए भी साईकिल-सैर पर निकलिए महापौर-सभापति जी। दिन के किसी भी वक़्त मां विहार भी चले जाईये, जहां प्रगति नगर से विस्थापितों को बसाया गया है, उम्मीद है कि आप वहां गये होंगे अगर नहीं गये हैं तो हो आईये, उन बेचारों को भी अच्छा लगेगा। और हां… कारगिल शहीद स्मारक से लेकर आलोक सिटी मॉल तक की सड़क का बुरा हाल है, चौतरफ़ा अतिक्रमण ने हालत ख़राब कर दी है, थोड़ा इधर भी घूम जाईये, लेकिन आपके घूमकर जाने का सकारात्मक रिज़ल्ट निकलना चाहिए, तब तो कोई बात है…वरना शहर में आपकी सुबह की साईकिल-सैर को महज़ प्रचार का ज़रिया ही समझा जायेगा। बाक़ी फिर कभी…अगले अंकों में