बेसमेंट में डीजी सेट, किचन और LPG रसोई गैस सिलेंडर बन सकते हैं हादसों की बड़ी वजह
बीते महीने देश की राजधानी दिल्ली में बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें कई छात्रों की जान चली गई थी, हादसे की वजह वो तमाम बेसमेंट थे, जिसका संचालन कोचिंग सेंटर्स वाले करते थे। इस हादसे पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी सरकारों की भूमिका पर सख़्त टिप्पणी की थी।
अगर रायगढ़ के संदर्भ में देखने की कोशिश करें तो जनप्रतिनिधियों के संरक्षण और स्थानीय निकायों की अनदेखी के कारण अवैध तरीक़े से बेसमेंट संचालित हो रहे हैं, शहर में तो कई बड़ी बिल्डिंग्स के बेसमेंट में डीजी पावर जनरेटर सेट इंस्टाल किया गया है, किचन बनाकर रख दिया गया है, कहीं बेकरी का काम हो रहा है, तो कहीं बेसमेंट का उपयोग अपने चिकित्सा संस्थान के लिए किया जा रहा है, सबसे ख़तरनाक और चिंताजनक स्थिति बेसमेंट में संचालित हो रहे किचन और बेकरीज़ को लेकर बनती दिखाई देती है, क्योंकि इनके संचालन के लिए एलपीजी रसोई गैस का भंडारण करके रखा जाता है, जो कि कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है। वहीं जिन व्यावसायिक संस्थानों के बेसमेंट में डीजी पावर जनरेटर सेट्स लगे हैं, वो तो पूरी तरह अवैध हैं और जिस पर नियंत्रण की ज़िम्मेदारी स्थानीय निकाय प्रशासन के साथ ही साथ सीएसपीडीसीएल के सुरक्षा विभाग की है, मगर अफ़सोस इस बात का है कि बेसमेंट में अवैध तरीक़े से संचालित हो रही कारगुज़ारियों पर प्रशासन ने आंखें मूंद ली हैं।
कलेक्टर से ऐसी अपेक्षा है कि नगर निगर और जिले के दूसरे नगरीय निकायों के दायरे में संचालित तमाम भवनों के बेसमेंट की जांच करवाएं, अनियमितता पाये जाने पर ऐसे अवैध बेसमेंट पर तत्काल सीलिंग की कार्रवाई भी होनी चाहिए। किचन, डीजी सेट, बेकरी सहित जो भी कार्य व्यापार अवैध तरीक़े से बेसमेंट में संचालित हो रहा है, उसे तत्काल प्रभाव से बंद करने के भी निर्देश जारी होने चाहिए। इससे पहले की कोई बड़ी दुर्घटना हो जाये, समय रहते सतर्क हो जाना ही समझदारी होगी।