
नौ दिनों पहले रायगढ़ के संजय कॉम्प्लेक्स स्थित श्री श्याम मंदिर में आधीरात के वक़्त बड़े शातिराना तरीक़े से चोरी की बड़ी घटना को सिर्फ़ एक चोर द्वारा अंजाम दिया गया था, चोर ने श्याम बाबा के गर्भगृह में चढ़कर प्रतिमा का मुकुट, कान कुंडल, छत्र और गलापट्टी (हार) जैसे स्वर्ण आभूषण उतार लिए, फिर चोर ने दानपेटी को लोहे की रॉड से तोड़कर पूरी रक़म भी उड़ा दी। अनगिनत भक्तों की आस्था से जुड़े श्याम मंदिर में बड़े आराम से चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद चोर निकल भागा, मगर चोरी की इस शातिर घटना को सीसीटीवी कैमरों ने क़ैद कर लिया था, चूंकि चोर ने अपना शरीर और मुंह वारदात को अंजाम देते समय ढक लिया था इसलिए उसे पहचानने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इन नौ दिनों में पुलिस ने सतर्कता, जनसहयोग और सामूहिक प्रयासों से चोर को उसके सहयोगियों के साथ पकड़ने में सफ़लता पा ली। चोरों के क़ब्ज़े से कुल 27 लाख क़ीमत की संपत्ति भी बरामद कर ली है। बुधवार को बिलासपुर रेंज के आईजी संजीव शुक्ला ने एसपी दिव्यांग पटेल सहित पूरी पुलिस टीम की मौजूदगी के बीच कंट्रोल रूम में एक औपचारिक पत्रकारवार्ता के दौरान मामले का सिलसिलेवार खुलासा किया। प्रेस को बताया गया कि मंदिर में चोरी की घटना को अंजाम देने के बाद चोर पैदल ही रेल्वे ट्रैक से होता हुआ कोतरलिया महापल्ली भाग निकला था। जहां अपनी पत्नी और अन्य सहयोगियों की मदद से अपने गांव आ गया। इधर पुलिस ने श्री श्याम मंडल द्वारा दर्ज़ कराई गई चोरी की रिपोर्ट पर कार्रवाई को बड़ी तत्परता से आगे बढ़ाते हुए तक़रीबन 100 से ज़्यादा सीसीटीवी फुटेज और सवा लाख से ज़्यादा मोबाईल नंबर की बारीक़ी से पड़ताल की, इस कार्य में सिद्धहस्त रायगढ़ की साईबर टीम ने ज़बरदस्त काम किया। घटना के बाद बिलासपुर आईजी संजीव शुक्ला ख़ुद रायगढ़ के याम मंदिर पहुंचे और वारदात से जुड़ी जानकारियां हासिल करने के बाद टीम को कई अहम् टिप्स देकर वापस चले गये। एसपी रायगढ़ के सुपरविज़न में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने नौ दिनों में शानदार रिजल्ट लाकर एक बार साबित कर दिया कि अपराध अनुसंधान के मामलों में रायगढ़ पुलिस का अपना अलग ही मुक़ाम है।
बहरहाल, बुधवार की दोपहर आईजी संजीव शुक्ला की प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिरफ़्तार सभी आरोपियों का चेहरा ढंककर मीडिया के सामने पेश किया गया, श्याम मंदिर चोरी प्रकरण में लिप्त सभी आरोपियों के ख़िलाफ़ अपराध क्रमांक 335/2025 में BNS की धारा 331(4), 305, 238, 299, 111, 3(5) के तहत् वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। गिरफ़्तार आरोपियों में ग्राम ठेंगागुड़ी, थाना सरिया जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ निवासी सारथी यादव पिता गोलबदन यादव उम्र 33 वर्ष, नवादाई पति सारथी उर्फ़ वोट यादव उम्र 28 वर्ष, मानस भोय पिता सुशील भोय उम्र 23 वर्ष, उपेन्द्र भोय पिता सुशील भोय उम्र 30 वर्ष के अलावा धुनीपाली, थानाभठली जिला बरगढ़ ओडीशा से दिव्य किशोर प्रधान पिता स्व. भोला नाथ प्रधान, 34 साल और बडमाल, थाना भठली, जिला बरगढ (ओडीशा) से विजय उर्फ़ विज्जु प्रधान पिता झसकेतन प्रधान, 34 साल के नाम पुलिस द्वारा बताये गये हैं।
रायगढ़ पुलिस की इस तेज़तर्रार और योजनाबद्ध कार्रवाई से ये तो साफ़ हो गया है कि लोगों से जुड़ी धार्मिक आस्था पर हमले को किसी क़ीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, श्री श्याम मंदिर में चोरी से जुड़े ये एक केस का खुलासा ही नहीं है बल्कि रायगढ़ पुलिस के संकल्प, सजगता और सेवा का जीवंत प्रमाण भी है । पुलिस महानिरीक्षक संजीव शुक्ला ने चोरी की घटना को सुलझाने में मदद करने वाले सभी पुलिसकर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर उत्साहवर्धन किया, साथ ही रायगढ़ पुलिस द्वारा माह जुलाई में चलाए जा रहे सीसीटीवी के विशेष अभियान *सुरक्षित सुबह* से सभी नागरिकों को जुड़ने के लिए प्रेरित भी किया, जिन नागरिकों के सीसीटीवी से अपराध अनुसंधान में सहायता मिली उन्हें भी आईजी के हाथों प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस सनसनीखेज मामले के खुलासे में एएसपी आकाश मरकाम, सीएसपी अनिल विश्वकर्मा, टीआई सुखनंदन पटेल,राकेश मिश्रा, प्रशांत राव, मोहन भारद्वाज, एएसआई गिरधारी साव, साइबर सेल प्रधान आरक्षक राजेश पटेल, दुर्गेश सिंह, आरक्षक बृजलाल गुर्जर, रेनू मंडावी थाने के लोमेश राजपूत, सतीश पाठक, खिरेन्द्र जलतारे, हेमप्रकाश सोन, बनारसी सिदार, बालचंद्र मोहन राव, दिलीप भानू, श्रीराम साहू, साइबर सेल के आरक्षक धनजय कश्यप, पुष्पेन्द्र जाटवर, महेश पण्डा, प्रशांत पण्डा, रविन्द्र कुमार गुप्ता, विकम सिंह, सुरेश सिदार, विकास प्रधान, प्रताप शेखर बेहरा, गजेन्द्र प्रधान, नवीन शुक्ला, ACCU जिला बिलासपुर के आरक्षक सतीश भारद्वाज, तबीर सिंह, थानों के आरक्षक अभिषेक द्विवेदी, उत्तम सारथी, संदीप मिश्रा, मनोज पटनायक, कमलेश यादव, रोशन एक्का, भगवती रत्नाकर, चुड़ामड़ी गुप्ता, संदीप कौशिक, मीनकेतन पटेल, लखेश्वर पुरसेठ, विनय तिवारी, धनुर्जय बेहरा, ओशनिक विश्वाल, कोमल तिवारी, शशि साहू, संजय केरकेट्टा, अमर मिर्धा, विनोद शर्मा, गणेश पैंकरा, डॉग हैंडलर राजेन्द्र मरावी और विरेन्द्र अनंत की दिन-रात की अथक मेहनत अहम् रही।