39 वें दस दिवसीय ऐतिहासिक सांस्कृतिक चक्रधर समारोह का भव्य उद्घाटन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के हाथों शनिवार की शाम हो चुका है, ये ना केवल रायगढ़ बल्कि समूचे अंचल के लिए गौरव की बात है कि यहां संगीत महाविद्यालय खोले जाने की मांग को सीएम साहब ने स्वीकार कर लिया, उम्मीद की जा रही है कि रायगढ़ में संगीत महाविद्यालय की स्थापना और पर्याप्त फ़ैकल्टी के साथ संचालन अगले साल आयोजित होने वाले 40 वें चक्रधर समारोह तक शुरू हो जायेगा। रायगढ़ की कला और संगीत प्रेमी जनता की तरफ़ से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को ख़ूब सारा आभार।
इस मौक़े पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के उस कार्यकाल की बात भी होनी चाहिए, जिसमें चक्रधर समारोह के मंच से उन्होंने रायगढ़ में चक्रधर कथक केंद्र की स्थापना का वादा किया था, उनके वादे के मुताबिक़ चक्रधर कथक केंद्र की शुरुआत सरकारी क्वार्टर के एक कमरे में हुई थी, कथक नृत्यांगना बासंती वैष्णव को चक्रधर कथक केंद्र का डायरेक्टर बनाया गया था। मगर अफ़सोस कि चौतरफ़ा उदासीनता की वजह से चक्रधर कथक केंद्र में ताला लग गया, जो शायद अभी तक लगा ही हुआ है। बतौर डायरेक्टर बासंती वैष्णव को कितने महीने तनख़्वाह मिल पाई और कितने महीने तक यह संस्थान अस्तित्व में रहा, इसका ठीक ठीक जवाब शायद ही हर किसी के पास हो।
बहरहाल, अब जब मुख्यमंत्री ने रायगढ़ में संगीत महाविद्यालय की स्थापना और संचालन की औपचारिक घोषणा कर दी है, तो इसी कंटीन्यूटी में चक्रधर कथक केंद्र के अस्तित्व पर भी कुछ ठोस निर्णय ले लिये जायें, आख़िर भाजपा सरकार के ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की चक्रधर समारोह के मंच से की गई घोषणा का सवाल है।