
23 जुलाई गुरूवार की दोपहर जिला सैनिक कल्याण कार्यालय द्वारा हमेशा की तरह भूतपूर्व सैनिकों का सम्मेलन कलेक्टोरेट के ऊपरी सभागार में आयोजित किया गया, इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ ओडीशा सब एरिया COSA कमांडेंट ब्रिगेडियर टीएस बावा, कर्नल राजेन्दर सिंह के साथ ही एनसीसी कमांडेंट कर्नल प्रवीन कुमार तेवतिया ख़ास तौर पर शामिल हुए। सबसे पहले कोसा कमांडेंट ब्रिगेडियर टीएस बावा ने शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम पहुंचकर फ़ौजी परंपरा के मुताबिक़उनकी प्रतिमा पर रीथ अर्पित करते हुए शहादत को नमन् किया। इस दौरान शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की वीर माता आशा त्रिपाठी और वीर पिता सुभाष त्रिपाठी के साथ भूतपूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष सूबेदार मेजर सत्यनारायण प्रधान सहित सभी प्रतिनिधि भी मौजूद थे। शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम के बाद कलेक्टोरेट के ऊपरी सभागार में भूतपूर्व सैनिकों के सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत कोसा कमांडेंट ब्रिगेडियर टीएस बावा की अध्यक्षता में शुरू हुई, इस दौरान भूतपूर्व सैनिकों, शहीद के आश्रित परिजनों को होने वाली समस्याओं को एक एक कर विस्तार से सुना गया और भरोसा दिलाया गया कि उनकी सभी समस्याओं के निराकरण के लिए छत्तीसगढ़ ओडीशा सब एरिया कार्यालय पूरी तरह संवेदनशील भी है और गंभीर भी। इस दौरान भूतपूर्व सैनिकों की तरफ़ से सीएसडी कैंटीन, स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए हॉस्पिटल को इम्पैनल कराने, शहीद स्मारक के लिए शहर में उचित जगह चयन करवाकर युद्धक टैंक लगाने जैसे विषय भी संज्ञान में लाये गये। जिस पर कोसा कमांडेंट ने विस्तार से बातचीत करते हुए अपनी सहमति दे दी।
अपने संबोधन में कोसा कमांडर ब्रिगेडियर टीएस बावा ने बताया कि “उन्हें ज्वाईन किये हुए महज़ तीन महीने हुए हैं और पहली बार छत्तीसगढ़ आया हूं, यहां आकर पता चला कि आज छत्तीसगढ़ का पारंपरिक हरेली त्यौहार है इसलिए आप सभी को हरेली पर्व की शुभकामनाएं देता हूं।” उन्होंने स्पष्ट लहज़े में बताया कि “छत्तीसगढ़ में कोसा हेडक्वार्टर और एनसीसी को छोड़कर कुछ नहीं है। भूतपूर्व सैनिकों, परिवारजनों, वीर नारियां वीर माताएं आई हुई हैं, आप सभी भूतपूर्व सैनिक, शहीद और उनके परिजन हमेशा कोसा हेडक्वार्टर की यादों में बने रहते हैं। रायगढ़ में भूतपूर्व सैनिक और एनसीसी यूनिट बहुत अच्छा काम कर रही है।” ब्रिगेडियर टीएस बावा ने यह भी कहा कि “प्रदेश की सरकार ने शहीद पुत्र विप्लव को पहचानने और सम्मान देने का बड़ा काम किया है। आने वाले दिनों में जब जब शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी का नाम बच्चा बच्चा याद रखेगा, तब तब इंडियन आर्मी का नाम ज़ेहन में आयेगा। आज छत्तीसगढ़ में आर्मी का कोई मेजर इस्टेब्लिशमेंट नहीं है, फिर भी इंडियन आर्मी का परचम लहरा रहा है। कारगिल विजय दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, विजय दिवस जब भी आये आम जनता को साथ में लेकर मनायें। हम सबकी सामूहिक ज़िम्मेदारी है कि भारतीय सेना के बारे में लोगों को बतायें, यहां के लोग अपने दिलों में इंडियन आर्मी की कैसी छबि बनाते हैं, वो तय करता है कि हम लोगों के दिलों में कैसी छबि बनाते हैं।” कोसा कमांडर बावा ने भरोसा दिलाया कि “हर मुश्किल के वक़्त कोसा हेडक्वार्टर आपके साथ है, किसी को कभी भी कोई ज़रूरत महसूस हो, तो ज़रूर बताईये। कैंटीन की बात आप लोगों के जरिए आई है मैं कोशिश करता हूं , मोबाईल कैंटीन के लिए प्रयास करेंगे,हमारा काम ही समस्या का समाधान निकालना है और फ़ौज हमें यही सिखाती भी है। छत्तीसगढ़ का उत्तरी ईलाक़ा उपेक्षित हो रहा है, जिसके लिए हम कुछ करेंगे।” ग़ौरतलब है कि अभी कारगिल विजय दिवस पखवाड़ा मनाया जा रहा है।
सम्मेलन कार्यक्रम के अंत में मैडम कोसा कमांडर के हाथों शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की वीर मां आशा त्रिपाठी का औपचारिक तौर पर सम्मान किया गया और फिर नये संकल्पों के साथ पॉज़िटिव नोट में भूतपूर्व सैनिक सम्मेलन का औपचारिक समापन हुआ।