
संजय कॉम्प्लेक्स दैनिक बाज़ार के एक हिस्से का नाला बीते कई दशकों से बदहाली का दंश झेल रहा था, वैसे तो इस नाले की सफ़ाई के नाम पर शुरू से अब तक करोड़ों की धनराशि नगर निगम द्वारा ख़र्च की जा चुकी थी, मगर अब जब मौजूदा विधायक के स्पष्ट दिशा निर्देशों के परिपालन में निगम कमिश्नर द्वारा प्राथमिकता के आधार पर नाले का नये सिरे से निर्माण करवाया जा रहा है, तब ये बात निकलकर सामने आ रही है कि संजय कॉम्प्लेक्स दैनिक बाज़ार में सुलभ शौचालय की तरफ़ का यह नाला अब तक सत्तापक्ष और विपक्ष से जुड़े नेताओं और निगम प्रशासन के सफ़ाई विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों के लिए कमाई का जरिया मात्र रहा है, इस या इस जैसे नालों की सफ़ाई के लिए काग़ज़ों में बड़े बड़े एस्टीमेट तैयार किये जाते थे, काग़ज़ों में काम भी दिखाया जाता था मगर ज़मीनी स्तर पर ऐसे नालों की गंदगी साफ़ ही नहीं हो पाती थी, इसी के साथ साथ ऐसे नाले हमेशा से अतिक्रमण की चपेट में रहे हैं, लेकिन अब स्थानीय विधायक, वित्तमंत्री ओपी चौधरी के शहर विकास की सुदृढ़ सोच ने संजय कॉम्प्लेक्स दैनिक बाज़ार के समूल कायाकल्प का रास्ता पूरी तरह खोल दिया है, उनकी तरफ़ से हरी झंडी मिलने के बाद कलेक्टर और कमिश्नर दोनों एक्टिवेट हो गये हैं।





संजय कॉम्प्लेक्स दैनिक बाज़ार का सुलभ शौचालय पूरी तरह ढहा दिया गया है, निर्माण कार्य के लिहाज़ से मौक़े पर मौजूद विषम परिस्थितियों के बावजूद नाले का निर्माण भी पूरी रफ़्तार के साथ जारी है। बीते शुक्रवार को निगम कमिश्नर निरीक्षण करने आये तो मौक़े पर अतिक्रमण की बाढ़ देखकर हैरान रह गये, टाऊन हॉल के सामने की तरफ़ जितनी भी ऐसी बिल्डिंग हैं जिनका पिछला हिस्सा संजय कॉम्प्लेक्स के नाले की तरफ़ है, उनमें से अधिकांश बिल्डिंग के स्वामियों ने छज्जा निकालकर बड़े हिस्से में स्थायी संरचना के साथ अतिक्रमण कर लिया है, जिसकी वजह से नाला सफ़ाई के काम में लगी मशीनरी या वाहन मूव्हमेंट नहीं कर पा रही हैं। वहीं इसी नाले की तरफ़ संजय कॉम्प्लेक्स से टाऊन हॉल की तरफ़ जाने वाला एक रास्ता है, जिसके एक मुहाने में टीन की नीली चादरों से कवर करके भूखंड संरक्षित किया गया है, इस भूखंड में एक बिल्डिंग का अधूरा निर्माण भी हुआ है, खाली भूखंड में तक़रीबन 70 साल पुराना पीपल का पेड़ था, जिसे भूस्वामी ने साज़िशन कटवा दिया था और शहर के जागरूक वर्ग ने जिसका भारी विरोध भी किया था, ऐसी जानकारी निकलकर आ रही है कि इस हिस्से के भूस्वामी ने भी संजय कॉम्प्लेक्स के काफ़ी हिस्से को अपने भूखंड में मिला लिया है। कमिश्नर के लगातार निरीक्षण के बाद काफ़ी हद तक ऐसे अतिक्रमणकारियों के ख़िलाफ़ बड़े एक्शन की संभावना बन रही है, बशर्ते अतिक्रमणकारियों के संरक्षण में कोई राजनैतिक दबाव ना आये।
संजय कॉम्प्लेक्स में इसी नाले से लगकर नगर निगम की जो दुकानें बनी हैं, उसके पैसेज में भी दुकानदारों ने अतिक्रमण कर लिया है, एक दुकानदार ने तो ऊपर जाने वाली सीढ़ी को तोड़कर अपनी दुकान में मिला लिया है, मगर अब तक इन दुकानदारों के ख़िलाफ़ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है, अब देखने वाली बात ये होगी कि निगम कमिश्नर इस दिशा में क्या ठोस कार्रवाई करते हैं।