पुलिस की तत्परता से सलाखों के पीछे पहुंचे गैंगरेप के आरोपी
इधर पूरा देश कोलकाता की चेस्ट फीजिशियन जूनियर डॉक्टर के बलात्कार के बाद की गई निर्मम हत्या के ख़िलाफ़ ग़ुस्से से उबल ही रहा था कि रक्षाबंधन की देर शाम मीना बाज़ार का मेला देखकर लौट रही युवती के साथ अपने रायगढ़ से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर पुसौर में गैंपरेप की घिनौनी वारदात को अंजाम दे दिया गया। इस वारदात में शामिल सात आरोपियों को पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए घटना के 48 घंटे के भीतर गिरफ़्तार कर लिया था, वहीं ख़बर है कि इसी वारदात में शामिल रहे फ़रार नाबालिग युवक की रहस्यमय मौत हो गई है। इस घटना को एक तरफ़ जहां राज्य सरकार के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक ने बेहद गंभीरता से लेते हुए आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए अपनी टीम को तमाम ज़रूरी हिदायतों के साथ एक्टिवेट कर दिया था, जिसका नतीजा ये हुआ कि पुसौर गैंगरेप के आरोपी सींखचों के पीछे पहुंच गये।
वहीं दूसरी तरफ़ विपक्षी दल कांग्रेस ने बीते बुधवार को पुसौर गैंगरेप मामले से जुड़े तथ्यों और पुलिस की भूमिका की जांच के लिए अपने पांच विधायकों की टीम बनाकर रवाना भी कर दिया है। इस मामले को लेकर भी कांग्रेसी खेमे से छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराधों पर राज्य सरकार को घेरा जा रहा है, ये बात पुख़्ता तब हो जाती है जब छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने X हैंडल पर रायगढ़ से जारी munadi.com की ख़बर को उठाते हैं।
पुसौर मामले को लेकर समाज के हर तबक़े में आक्रोश दिखाई दे रहा है, सबका यही मानना है कि गैंगरेप की पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय मिले। यहां भी संवेदनशील लोगों के दिलो दिमाग़ में यही सवाल बार बार उठ रहा है कि “आख़िर कब तक ऐसी बर्बर अमानवीय घटनाओं की पुनरावृत्ति होती रहेगी, कब तक बेटियों को सुरक्षा देने में हमारा पुरुष प्रधान समाज और हमारा सिस्टम चूक पर चूक करता जायेगा?”