श्री अग्रसेन सेवा संघ का रहा शानदार नेतृत्व, सभी प्रभारियों ने निभाई अपनी ज़िम्मेदारी
हर साल की तरह इस साल भी अग्रसेन जयंति के अवसर पर गुरूवार को शहर के गांधी गंज मैदान से अग्रकुल प्रवर्तक महाराजा अग्रसेन की विशाल शोभायात्रा शाम तक़रीबन पांच बजे ढोल नंगाडों, बैण्ड बाजे, धुमाल की धुन पर थिरकते अग्रजनों के साथ निकली, शोभायात्रा में हमेशा की तरह अग्र समाज की महिलाओं को भी पुरुषों की बराबरी के साथ नेतृत्व की कमान सौंपी गयी थी, शोभायात्रा शुरू होने के पहले अलग अलग अग्र-ज़ोन में बांटे गये शहर के सभी क्षेत्रों से बड़ी तादाद में अग्र परिवारों के महिला पुरुष और बच्चे गांधी गंज के मैदान में दोपहर बाद से ही इकट्ठे होते जा रहे थे, हर साल की तरह अग्रसेन जयंति महोत्सव आयोजन समिति की तरफ़ से गांधी गंज में अग्र समाज के लिये हाई-टी की व्यवस्था की थी, गांधी गंज में नाश्ते और शाम की चाय के बाद हज़ारों की तादाद में शामिल अग्रजनों ने पूरी उमंग और उत्साह के साथ अग्रसेन जयंति शोभायात्रा आगे के लिये रवाना की, तमाम राजनैतिक दलों के प्रमुख चेहरे भी महाराजा अग्रसेन जयंति की भव्य शोभायात्रा में शामिल दिखाई दिये। अग्रसेन जयंति महोत्सव आयोजन समिति की तरफ़ से सभी अतिथियों का परंपरागत तौर पर स्वागत भी किया गया था, अग्रसेन जयंति शोभायात्रा में बाजे गाजे के अलावा अलग अलग सजे धजे रथों में अग्र कुल के प्रवर्तक महाराजा अग्रसेन के वेष में युवाओं को बैठाया गया था, इसके अलावा अग्र समाज के अलग अलग गोत्रों के नाम से भी रथ तैयार कर शोभायात्रा में शामिल किये गये थे, चूंकि ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग को लेकर शासन प्रशासन के निर्देश जारी किये गये थे, लिहाज़ा पिछले वर्षों की तुलना में इस साल अग्रसेन जयंति शोभायात्रा में डीजे और पावर ज़ोन का इस्तेमाल बेहद कम कर दिया।
अग्रसेन जयंति में अग्र समाज की भव्य शोभायात्रा जब शहर की सड़कों पर निकली तो समाज के हर वर्ग के लोगों ने दिल खोलकर स्वागत किया, शहर के अलग अलग चौक चौराहों में शोभायात्रा का स्वरूप भव्य होता जा रहा था, शाम होते ही रंग बिरंगी एलईडी लाइट्स की चकाचौंध कर देने वाली रौशनी ने शोभायात्रा के स्वरूप में कई गुना निखार ला दिया, अग्र शोभायात्रा में शामिल अग्रजनों में कोई अरबपति था, कोई करोड़पति, कोई लखपति तो कोई सीमित आर्थिक आमदनी के साथ अपने परिवार का पालन पोषण करने वाला, लेकिन अग्रसेन जयंति शोभायात्रा में शामिल होने के बाद संपन्नता के सारे दायरे टूट गये थे, सब के सब महाराजा अग्रसेन के वंशज के रूप में दिखाई दे रहे थे। यहां बताना ज़रूरी है कि हर साल महाराजा अग्रसेन का जयंति उत्सव दस से बारह दिनों तक बड़े धूमधाम से मनाये जाने की परंपरा रायगढ़ के अग्र समाज ने स्थापित की है। अग्रसेन सेवा संघ के नेतृत्व में अलग अलग उम्र वर्ग के लोगों के लिए समाजिक सांस्कृतिक और खेल आयोजन तो होते ही हैं, रक्तदान जैसे मानव सेवा से जुड़े कार्यक्रम भी किये जाते हैं और इन सभी आयोजनों में समूचे अग्र समाज की सामूहिक सहभागिता देखने को मिलती है। भव्य शोभायात्रा के महाराजा अग्रसेन जयंती महोत्सव का समापन होता है।