OP DIWALI 7
VIJAY AGRWAL
SUSHIL MITTAL
SOMAWAR
RADHESHIYAM
PARDKSH NAYAK DIWALI 7
RAKESH MISHRA
RATTHU
VIKAS PUSPAK
AR GURUP DIWALI 8
ARUN GUPTA
CHHABDA SELS
JAYANT DIWALI 7
AG
KIRSHI DIWALI 6
NAVNIT1
KHADHY VIBHAG
MSP
KARAN DIWALI 12 copy
OMI
RAIGARH EIPAT SANGH DIWALI
PAPPU SANJIVNI
PATEL JEWLARS
GAGAN ROD DIWALI 8
HOTAL PUSPAK DIWALI 3
CG GIRH NIRMAN DIWALI
RAMBHAGT
TINY TOES ADD
SHALBH AGRWAL ADD
TINY TOES ADD 2
TINY TOES SCHOOL
R L ADD
BALAJI METRO ADD 14 SAL
RAJPRIYA ADD
SANJIYANI ADD
RUPENDR PATEL
APEX ADD
BALAJI METRO ADD 2
Untitled-1
ANUPAM KEDIYA
SANJIVANI 1
SANJIVANI 2
SANJIVANI 3
SANJIVANI 4
SANJIVANI 5
RAIGARH ARTHO 01
RAIGARH ARTHO 02
RAIGARH ARTHO 03
RAIGARH ARTHO 03
sunground
ANUPAM ADD
GANGA SEWAK ADD 1
3
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जंगल कट रहे, पर्यावरण बरबाद हो रहा मगर चुप क्यों हैं 2014 के ग्रीन गोल्डमैन अवार्डी कॉमरेड रमेश?

औद्योगिक और कोयला खनन परियोजनाओं की मनमानियों से पर्यावरण को बचाने के लिए जनचेतना एनजीओ के साथ होकर रायगढ़ से अपने संघर्षों का सफ़र शुरू करने वाले रमेश अग्रवाल का नाम एक समय ख़ूब सुर्खियों में था। इनकी इतवारी बाज़ार की दुकान में ही इन पर दिनदहाड़े गोली मारने का कांड सभी को याद तो होगा, जिसमें इनके पैर में गोली लगी थी, जिंदल पर इस हमले का आरोप भी लगा, जिंदल के कुछ कर्मचारी इस गोलीकांड के आरोप में जेल दाखिल भी हुए मगर पीड़ित द्वारा पहचान के अभाव में सभी आरोपी बाहर आ गये। तब ज़ी न्यूज़ के सुभाष चंद्रा और जेएसपीएल के नवीन जिंदल के बीच जंग छिड़ी हुई थी और ज़ी न्यूज़ के सुभाष चंद्रा की तरफ़ से रमेश अग्रवाल ने मोर्चा संभाला हुआ था, हालात तो यहां तक थे कि जिंदल के ख़िलाफ़ चलाये जा रहे समाचारों में रमेश अग्रवाल का लाईव करने के लिए ज़ी न्यूज़ की ओबी वैन रायगढ़ के इतवारी बाज़ार आया करती थी। एक समय तो जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के जनसंपर्क अधिकारियों ने पुष्पक होटल में खींची गई एक फोटो के साथ रमेश अग्रवाल पर करोड़ों रुपये मांगने का बड़ा आरोप लगाते हुए पुलिस में शिक़ायत भी दर्ज़ करवाई थी। तब जन चेतना के राजेश त्रिपाठी सविता रथ के साथ रमेश अग्रवाल का नाम अनुसूचित क्षेत्र में पर्यावरण बचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आया था, चूंकि तब इंटरनेट के लिए साईबर कैफ़े का दौर चल रहा था और रमेश अग्रवाल द्वारा इतवारी बाज़ार में सत्यम साईबर कैफ़े का संचालन किया जा रहा था इसलिए जनचेतना को डॉक्यूमेंट मेल करने के लिए रमेश अग्रवाल का मज़बूत साथ और मुफ़ीद ठिकाना मिल गया था।

ख़ैर, 2014 में रायगढ़ के रमेश अग्रवाल का नाम “ग्रीन गोल्डमैन अवार्ड” के लिए चयन किया गया, अंतर्राष्ट्रीय स्तर का यह अवॉर्ड ग्रीन ऑस्कर के नाम पर भी पहचान रखता है, ग्रीन गोल्डमैन अवॉर्ड पर्यावरण बचाने के लिए ख़ास काम करने वालों को ही दिया जाता है, 2014 की ज्यूरी ने रायगढ़ के रमेश अग्रवाल को उपयुक्त माना था। इस अवॉर्ड के साथ तक़रीबन डेढ़ करोड़ की राशि भी मिलती है, अवॉर्डी द्वारा जिसका उपयोग पर्यावरण बचाने के लिए किये जा रहे अपने कामों आंदोलनों में प्रमुखता से किया जाता है। रमेश अग्रवाल को ग्रीन गोल्डमैन अवॉर्ड मिले 11 साल का वक़्त बीत गया, इन 11 सालों के दौरान रायगढ़ अंचल में उद्योगों/कोयला खनन परियोजनाओं की स्थापना या क्षमता विस्तार की कई जन-सुनवाईयां संपन्न हो गईं, मगर ग्रीन गोल्डमैन अवॉर्डी रमेश अग्रवाल द्वारा पहले की तरह कोई सार्थक विरोध दर्ज़ नहीं कराया गया, जन चेतना के संस्थापक साथियों ने भी रमेश अग्रवाल से किनारा करते हुए अनुसूचित क्षेत्र में जल, जंगल ज़मीन को बचाने की लड़ाई जारी रखी हुई है। 

अभी हाल ही में महाजेंको के लिए एमडीओ अडानी द्वारा सराईटोला मुड़ागांव के जंगल बड़ी बेरहमी से काटे जाने के मामले ने तूल पकड़ा जिसका थमना अब मुश्किल ही लग रहा है, इस कोयला खनन परियोजना के कारण दर्ज़न भर से ज़्यादा आदिवासी बाहुल्य गांवों का अस्तित्व ख़त्म हो जायेगा, सैकड़ों हेक्टेयर जंगल में हज़ारों ज़िंदा दरख़्तों की हत्या कर दी जायेगी, पर्यावरण के क्षेत्र में इतनी बड़ी विभीषिका साफ़ साफ़ दिखाई दे रही है, जनचेतना ने तो प्रभावित क्षेत्र के आदिवासियों को साथ लेकर बड़ा आंदोलन खड़ा कर दिया है, मगर ग्रीन गोल्डमैन अवॉर्डी रमेश अग्रवाल ख़ामोश हैं, ये बात सभी को नागवार गुज़र रही है। क़ायदे से रमेश अग्रवाल को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, जिससे ये तो पता चल सके कि अवार्ड मिलने के बाद उनके नज़रिये और तेवरों में बदलाव किन परिस्थितियों के कारण और क्यों आया? रमेश अग्रवाल जैसे जुझारू लोगों की आज समाज को बड़ी ज़रूरत है, लिहाज़ा उन्हें जंगल कटाई के मामलों में अपनी ख़ामोशी तोड़ते हुए आगे आना ही चाहिए, जिससे कि सराईटोला मुड़ागांव में जारी संघर्ष को थोड़ी ताक़त और मिल सके। वैसे भी जिस रायगढ़ ने आपको इतना बड़ा नाम दिया, वैश्विक स्तर पर पहचान दी, उस रायगढ़ को औद्योगिक और कोयला खनन परियोजनाओं की अराजकता से बचाने के लिए आज आपकी ज़रूरत है कॉमरेड रमेश….

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