अंचल के लिए बड़ी क्षति है तापस गुरूदेव का निधन
छत्तीसगढ़ में स्वाईन फ़्लू के संक्रमण और इससे होने वाली कुछ मौतों ने लोगों के बीच चिंता बढ़ानी शुरू कर दी है, हालांकि राज्य सरकार के मुखिया विष्णुदेव साय और उनकी सरकार का स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह स्वाईन फ़्लू संक्रमण पर नज़र बनाये हुए है। महामारी से जुड़े चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो किसी भी मरीज़ में स्वाईन फ़्लू संक्रमण की पुष्टि होने के बाद पूरा ईलाज मरीज़ को आईसोलेट करके किया जाता है, अगर दुर्भाग्य से किसी स्वाईन फ़्लू संक्रमित मरीज़ की मौत होती है, तो दाह संस्कार का प्रोटोकॉल कोविड महामारी जैसा ही है, हालांकि कुछ चिकित्सा विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि स्वाईन फ़्लू से पीड़ित मरीज़ की मौत के बाद उसकी मृत देह से वाईरस का प्रसार या फैलाव नहीं होता।
चूंकि स्वाईन फ़्लू के मरीज़ मिलने शुरू हो गये हैं, इसलिए स्वास्थ्य विभाग की ज़िम्मेदारी बनती है कि स्वाईन फ़्लू से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करना शुरू करे, अस्पतालों में एक दो बेड का आईसोलेशन वार्ड तैयार किया जाना चाहिए, अभी पूरा सिस्टम डेंगू से बचाव में लगा हुआ है, इसी कंटीन्यूटी में स्वाईन फ़्लू से बचाव को लेकर भी जिला से लेकर गांवों तक जागरुकता अभियान शुरू कर देना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग को स्वाईन फ़्लू से संक्रमित मरीज़ की कांटेक्ट ट्रेसिंग भी करनी चाहिए, जिससे कि स्वाईन फ़्लू के संक्रमण को गंभीर होने से पहले रोका जा सके।