
रायगढ़ के गजमार पहाड़ मंदिर के प्राकृतिक सौंदर्य से रूबरू होते हुए पंडरीपानी अष्टमहालक्ष्मी मंदिर वैष्णवीधाम होते हुए लोइंग महापल्ली के रास्ते पहुंचते हैं अघोर गुरूपीठ ब्रम्हनिष्ठालय बनोरा, बनोरा आश्रम क्षेत्र के भीतर पहला क़दम रखते ही सहज रूप से इंसान का दिमाग़ी तनाव कहां ग़ायब हो जाता है पता ही नहीं चलता, यही है अघोर संत बाबा प्रियदर्शी राम की महिमा। जब भी बनोरा आश्रम में बाबा प्रियदर्शी राम की मौज़ूदगी रहती है, उनके भक्त दर्शन के लिये अनिवार्य तौर पर पहुंचते हैं, ये अनिवार्यता बाबा प्रियदर्शी राम ने नहीं बल्कि बाबा के भक्तों से ख़ुद से तय की है, वैसे अगर बाबा प्रियदर्शी राम बनोरा में ना हों, तब भी उनके तमाम शिष्य सकारात्मक ऊर्जा हासिल करने के लिए बनोरा आश्रम पहुंचते हैं। इस साल गुरु पूर्णिमा दस जुलाई सोमवार को है इसलिये बनोरा आश्रम में दूर दूर से भक्तों के परिवार सहित आने का सिलसिला शुरू हो गया है, गुरूपूर्णिमा पर मालिक के दर्शन के लिए नंबर लगाने की ज़रूरत नहीं होती, सभी भक्त गुरूदर्शन और आशीर्वचन सुनने आना चाहें आ सकते हैं, सभी भक्तों के लिए हर साल की तरह भंडारे में भोजन के तौर पर गुरू प्रसाद की भी व्यवस्था रहेगी।
देश के अलग अलग प्रांतों से आने वाले बाबा के भक्तों को चूंकि गुरु पूर्णिमा तक रुकना होता है, लिहाज़ा वो पूरे इंतज़ाम के साथ बनोरा आश्रम पहुंचने लगे हैं, रायगढ़ से भी बाबा प्रियदर्शी राम को “मालिक” का संबोधन देने वाले तमाम भक्त अटूट आस्था के साथ दर्शन के लिये पहुंच रहे हैं, ऐसे तमाम भक्तों के बनोरा आश्रम में बाबा प्रियदर्शी राम से सान्निध्य के बाद जीवनशैली में बदलाव के अनुभव हैं, जो उनके दिल की गहराईयों से अभिव्यक्त होते हैं, चूंकि आने वाली दस तारीख को गुरू पूर्णिमा है, लिहाज़ा बाबा प्रियदर्शी राम के दिशा निर्देशों के तहत् बनोरा आश्रम के स्वरूप में नव निर्माण के नज़रिए से कुछ तब्दीलियां भी की जा रही हैं, जिस जगह बाबा प्रियदर्शी राम आशीर्वचन देते हैं, उस जगह को पहले की तुलना में नये निर्माण के साथ काफी विस्तारित और हाईटेक कर दिया गया है, इसके अलावा किचन से लेकर बाहर से आने वाले भक्तों की सुविधा के लिए कमरों का व्यवस्था, आश्रम में टेंट लाईट के साथ पंडाल तो बन ही रहे हैं, महा भण्डारा की जगह को भी ठीक कराया जा रहा है, बनोरा आश्रम में मालिक बाबा प्रियदर्शी राम की मौजूदगी से आश्रम में बड़े पैमाने पर सकारात्मकता और मानसिक सुक़ून का आभास गहरे तक होता है। बहरहाल, देश के अलग अलग हिस्सों से बाबा प्रियदर्शी राम के भक्तों का आश्रम पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है और अघोर गुरुपीठ ट्रस्ट बनोरा की तरफ से गुरूपूर्णिमा को लेकर सारी तैयारियां तक़रीबन पूरी कर ली गई हैं।
अघोर गुरूपीठ ट्रस्ट बनोरा से जारी गुरू पूर्णिमा कार्यक्रम के मुताबिक़ 9 जुलाई की सुबह साढ़े छः बजे से शाम तक सामूहिक श्रमदान और सफ़ाई का कार्य किया जायेगा। 10 जुलाई गुरूवार को अघोर परंपरा के मुताबिक़ सुबह सात बजे शक्तिध्वज पूजन और सफल योनिपाठ, साढ़े सात बजे औघड़संत पूज्यपाद बाबा प्रियदर्शीराम द्वारा गुरूचरण पादुका पूजन और हवन, साढ़े आठ बजे सामूहिक आरती, नौ बजे गुरूगीता सामूहिक पाठ, सवा नौ बजे से दोपहर साढ़े बारह बजे तक गुरू दर्शनम्, दोपहर बारह से सामूहिक प्रसाद वितरण और पौने पांच बजे सतसंग और गुरू आशीर्वचन संपन्न होगा।
