चक्रधर बालिका सदन से संबद्ध कामकाजी महिलाओं के हास्टल महिला वसति गृह की तक़रीबन 25 साल उम्र की स्टाफ़ के साथ बीती 27-28 अगस्त की दरमियानी रात तक़रीबन डेढ़ बजे अनाथालय परिसर में ही कुछ युवकों ने नशे की हालत में छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया था, बताया जाता है कि यह पूरी घटना अनाथालय के सीसीटीवी कैमरे में क़ैद भी हो गई। पीड़िता ने घटना की जानकारी संस्था प्रबंधन को भी दे दी थी। मगर घटना के दो दिनों तक अनाथालय प्रबंधन ने चुप्पी साध ली थी। मामले की जानकारी मिलने पर शुक्रवार से चक्रधर बालिका सदन में महिला बाल विकास के अधिकारियों और पुलिस की टीम की आवाजाही बढ़ गई है। ख़बर है कि मामले से जुड़े सभी तथ्य जुटा लिये गये हैं और चक्रधर बालिका सदन प्रबंधन की तरफ़ से एफ़आईआर भी कराई जा रही है।
इस पूरे मामले में एख तरफ़ जहां पीड़िता स्वामाविक तौर पर डरी सहमी हुई है, वहीं चक्रधर बालिका सदन वसति गृह प्रबंधन ने दो दिनों तक मामले को दबाये रखने का प्रयास किया, हो सकता है संस्था प्रबंधन की मंशा पीड़िता की मनःस्थिति को लेकर थोड़ा रुकने की बनी हो। बहरहाल सवाल इस बात को लेकर भी उठाये जा रहे हैं कि आख़िर रात के समय महिला वसति गृह की स्टाफ़ को बिना किसी सुरक्षा के बाहर जाने ही क्यों दिया गया? क्या महिलाओं और बालिकाओं की संस्था में सुरक्षा को लेकर ऐसी चूक सामान्य घटना है?