प्रेस वार्ता में राज्य सरकार की बखिया उधेड़ी
मौन जुलूस के ज़रिए कांग्रेस ने गैंगरेप कांड पर जताया विरोध
पुसौर में आदिवासी महिला के साथ हुए गैंगरेप मामले को लेकर कांग्रेस फ़्रंट फुट पर आकर राज्य सरकार के ख़िलाफ़ सड़कों में उतर चुकी है, शुक्रवार की दोपहर कांग्रेस कार्यालय में विधायक और पूर्व मंत्री उमेश पटेल के साथ रायगढ़ के पूर्व विधायक प्रकाश नायक सहित कांग्रेस विधायकों की मौजूदगी में औपचारिक प्रेसवार्ता हुई, जिसमें कांग्रेस ने पुसौर कांड की पीड़िता आदिवासी युवती को न्याय दिलाने के लिए हर संघर्ष के लिए आगे रहने की बात कही, वहीं राज्य में क़ानून व्यवस्था के नज़रिए से सरकार को पूरी तरह डिरेल बताया। कांग्रेस की तरफ़ से बलौदाबाज़ार कांड में विधायक देवेन्द्र यादव की गिरफ़्तारी को लेकर भी मुख़ालफ़त दर्ज़ कराई गई।
प्रेस वार्ता के बाद उमेश और प्रकाश की मौजूदगी में कांग्रेस कार्यालय से गांधी प्रतिमा तक मौन जुलूस भी निकाला गया, जिसमें सभी नेता, कार्यकर्ता मुंह और बांह में काली पट्टी लगाकर शामिल हुए, इस दौरान हाथों में बैनर पोस्टर लेकर भी कांग्रेसी चल रहे थे। बहरहाल आने वाले दिनों में पुसौर गैंगरेप कांड की गूंज राजधानी रायपुर के साथ ही साथ “फ़्लोर आफ़ द हाऊस” में भी सुनाई देगी। हालांकि ये अलग बात है कि सूबे की भाजपा सरकार इस मामले में अपनी तरफ़ से कोई भी ग़लती नहीं करना चाह रही है।
स्टूडेंट्स ने बचा ली लाज वो तो ग़नीमत थी कि कालेज के स्टूडेंट्स ने मौन जुलूस में शामिल होकर कांग्रेस की लाज बचा ली, वरना जुलूस में भव्यता नहीं आ पाती। समझ में ये नहीं आता कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब सत्ता की मलाई का पूरा मर्तबान उदरस्थ कर लेने वाले नेताओं ने मौन जुलूस से दूरी क्यों बनाई? विधानसभा चुनाव से ठीक पहले “हैं तैयार हम.. और ना जाने ऐसे कितने ही नारों के साथ टिकट की रेस में शामिल चेहरे भी अब कांग्रेस से किनारा करते साफ़ नज़र आ रहे हैं।