
रायगढ़ में कांग्रेस की वोट अधिकार यात्रा की ऐतिहासिक सफ़लता के बाद सत्तापक्ष के निशाने पर खरसिया विधायक और पूर्व मंत्री उमेश पटेल आये, मगर कुछ दिनों बाद वो मामला दोनों ही पक्षों की तरफ़ से ठंडे बस्ते में चला गया, मगर बीते तक़रीबन हफ़्ते भर से युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष आशीष जायसवाल ने शहर सरकार और निगम प्रशासन के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। पहले तो आशीष जायसवाल ने नगर निगम द्वारा शहर की सड़कों में लगाई जाने वाली सोलर इंडिकेटर लाईट की ख़रीदी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर भारतीय जनता पार्टी की ट्रिपल इंजन की सरकार को निशाने पर लिया है। यहां बताना ज़रूरी है कि स्थानीय समाचार माध्यमों ने भी सोलर इंडिकेटर लाईट की ख़रीदी में हुए कथित भ्रष्टाचार का मामला प्रमुखता से उठाया था, अब मामले को लेकर स्थानीय विधायक और मंत्री ओपी चौधरी और शहर सरकार के मुखिया महापौर जीवर्धन चौहान (चायवाले) की तरफ़ से वस्तुस्थिति को साफ़ करने वाला बयान आना ज़रूरी है।



शहर सरकार की शह पर नगर निगम में कथित भ्रष्टाचार के मामले में ज्ञापन सौंपने के महज़ दो दिन बाद युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष आशीष जायसवाल ने नगर निगम के दफ़्तर में भीतर की तरफ़ से ऊपरी सभागार को जाने वाली सीढ़ी के पास दीवार में बनी महात्मा गांधी की तस्वीर में थूके जाने के मामले को प्रमाण के साथ प्रमुखता से उठाकर फिर हलचल मचा दी है, हालांकि ये नया मामला अपने आप में बेहद संवेदनशील है। युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष आशीष जायसवाल ने युवा कांग्रेसजनों के साथ बुधवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय का रुख़ किया और नगर निगम में भ्रष्टाचार के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर गंदगी किये जाने की लिखित शिक़ायत बाक़ायदा ज्ञापन सौंपकर की है। बहरहाल, अब देखने वाली बात ये होगी कि इन दोनों ही मामलों में कार्रवाई के नाम पर क्या कुछ निकलकर आता है। वैसे एक बात तो साफ़ हो गई है कि सरकार चाहे किसी भी दल की हो, नीचे से लेकर ऊपर तक भ्रष्टाचार और अव्यवस्था जनता के लिए नियति बन गई है। इधर भारतीय जनता पार्टी की स्थानीय ट्रोल आर्मी ने फ़्रंट फुट में खेल रहे युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष आशीष जायसवाल को निगम की ठेकेदारी से जुड़े एक पुराने मामले में निशाने पर ले लिया है, लिहाज़ा कुछ दिनों तक इस मामले में खींचतान बनी रहने वाली है।