
रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी के पास वित्त, आवास और पर्यावरण मंत्रालय की अहम् ज़िम्मेदारी है, विकास के अपने दूरगामी विज़न के साथ उन्होंने तीनों ही विभागों के लिए व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए तक़रीबन दो सालों मे ऐतिहासिक निर्णय लिये हैं। चूंकि पावर प्लांट से हर रोज़ निकलने वाली हज़ारों टन फ़्लाई-ऐश के अव्यवस्थित और मनमाने तरीक़े से ट्रांसपोर्टर्स द्वारा डिस्पोज़ल किया जाता रहा है, जिस पर लगाम लगाने के लिए छत्तीसगढ़ के पर्यावरण मंत्रालय से ओपी चौधरी के निर्देश पर ऐसा ऐतिहासिक आदेश जारी हुआ, जिसके तहत् पावर प्लांट्स से फ़्लाई ऐश लेकर निकलने वाली वाहनों की जीपीएस ट्रेकिंग सिस्टम के जरिए मॉनिटरिंग होगी और जिस जगह फ़्लाई ऐश का डिस्पोज़ल होना है, वहां की लोकेशन की जियो टैगिंग भी होगी, इस नई व्यवस्था से फ़्लाई-ऐश परिवहन कर्ताओं की मनमानियों पर रोक लगने की उम्मीद बनी तो थी, मगर मंत्री ओपी चौधरी के गृह जिले रायगढ़ में फ़्लाई-ऐश ट्रांसपोर्टर्स और NTPC प्रबंधन की बीच ऐसी कोई हिडन व्यवस्था बन चुकी है जिसके तहत् जियो टैगिंग के मुताबिक़ तय लोकेशन पर फ़्लाई-ऐश की गाड़ियां ना पहुंचकर रायगढ़ शहर के आठ दस किलोमीटर के रेडियस में अवैध तरीक़े से फ़्लाई-ऐश डिस्पोज़ल कर रही हैं। इस मामले के मीडिया में आने के दौरान एक तथ्य ये भी सामने लाया जा रहा है कि फ़्लाई-ऐश ट्रांसपोर्टिंग में लगी वाहनों के जीपीएस ट्रेकर सिस्टम को बड़े ही शातिराना अंदाज़ में चारपहिया वाहन से जियो टैगिंग की लोकेशन तक ले जाया जाता है जिससे जीपीएस लोकेशन ओके रहती है जबकि बड़ी वाहनों में लदी सैकड़ों टन फ़्लाई-ऐश रायगढ़ के आसपास के ईलाक़ों में डंप हो रही है। मीडिया में मामला उछलने के बाद जिला प्रशासन ने फ़्लाई-ऐश परिवहन में लगी कुछ वाहनों को अवैध डंपिंग करते पकड़ा और चालानी कार्रवाई भी की, मगर फ़लाई ऐश परिवहन में लगे वाहन मालिकों के संगठन को सत्तापक्ष का वरदहस्त प्राप्त है, इसलिए फ़्लाई-ऐश के ओवरलोडेड अवैध परिवहन और अवैध लोकेशन पर डंपिंग का खेल बंद नहीं हुआ है।
इधर जब जब NTPC लारा से फ़्लाई-ऐश के अवैध परिवहन और अवैध लोकेशन पर भंडारण का मामला पकड़ा जाता है तो मुद्दे को डायवर्ट करने के लिए NTPC लारा प्रोजेक्ट का प्रबंधन दूसरे क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों का यशोगान विज्ञप्ति की शक्ल में प्रकाशित करवाकर मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश करता है, जो हर किसी को बड़े आसानी से समक्ष आती है। क़ायदे से तो NTPC LARA प्रोजेक्ट के अलावा जो भी उद्योग कोयले से बिजली पैदा करते हैं, उनके कारखाने से हर रोज़ निकलने वाली सैकड़ों टश फ़्लाई-ऐश के डिस्पोज़ल को लेकर छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल व्हाईट पेपर जारी करे।
रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी एक पॉवरफुल विज़नरी मंत्री हैं और पर्यावरण विभाग उनके ही पास है लिहाज़ा उनको धोखे में रखकर ना तो पावर प्लांट्स काम करें और ना ही फ़्लाई-ऐश ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन जैसी संस्था, जिसके अध्यक्ष रायगढ़ जिला भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी हैं, ऐसे में उनकी ज़िम्मेदारी कई गुना बढ़ जाती है क्योंकि साख पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी की जुड़ी है।