स्वर्णिम स्टार्टअप, इनोवेशन यूनिवर्सिटी, NIF और PTN News ने दुनिया की सबसे बड़ी पारंपरिक नवरात्रि पोशाक का रिकॉर्ड बनाने के लिए किया कोलेब्रेशन
गुजरात गांधीनगर के अडालज स्थित स्वर्णिम स्टार्टअप एंड इनोवेशन यूनिवर्सिटी ने एनआईएफ ग्लोबल अहमदाबाद, गांधीनगर और पीटीएन न्यूज़ के सहयोग से दुनिया की सबसे बड़ी चनिया चोली बनाने और स्थापित करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। चनिया चोली एक स्कर्ट और ब्लाउज़ है, जिसे दुपट्टे के साथ पहना जाता है। नवरात्रि के दौरान महिलाओं के लिए चनिया चोली एक पारंपरिक पोशाक़ है और गरबा की भक्ति धुनों पर नाचते हुए की जाने वाली मातारानी की सामूहिक आराधना के दौरान महिलाएं इसे पहनती हैं। यह सुंदर पोशाक क्रिएटिविटी का एक शानदार प्रदर्शन है, जो गुजरात के सांस्कृतिक गौरव को भी दर्शाता है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उत्सव के दौरान कार्यक्रम स्थल का विशेष दौरा किया और सुंदर स्थापना की सराहना की।
गांधीनगर और अहमदाबाद के लगभग 60 छात्रों के एक समूह ने मिलकर बेहद आकर्षक प्रभावशाली पोशाक़ डिज़ाइन की है। यह इंस्टालेशन हाल ही में अहमदाबाद के पास भडाज स्थित श्रीयाम पार्टी प्लॉट में आयोजित ‘खेलाईया नवरात्रि 2024’ उत्सव के दौरान किया गया था। इस कलरफुल और ब्राइट सुंदर डिस्प्ले को 72 फीट ऊँचें स्ट्रक्चर पर सजाया गया है। तीन संगठनों ने संयुक्त रूप से लंदन की वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से प्रमाण पत्र भी प्राप्त किया है। इस गौरवशाली उपलब्धि के लिए स्वर्णिम स्टार्टअप और इनोवेशन यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष ऋषभ जैन ने छात्रों की उपलब्धि पर ख़ुशी जताई है। उन्होंने कहा कि “यह प्रोजेक्ट स्वर्णिम स्टार्टअप और इनोवेशन यूनिवर्सिटी में हमारे द्वारा तैयार किये गए जुनून और इनोवेशन का एक जीवंत उदाहरण है, हमारे छात्रों के समर्पण और परंपरा को क्रिएटिविटी के साथ जोड़ने की उनकी क्षमता ने कुछ अद्भुत रच डाला है। यह चनिया चोली न केवल नवरात्रि का प्रतीक है, बल्कि भारत की रिच टेक्सटाइल हेरिटेज और यंग माइंड की असीम क्षमता की झलक भी है। हमें इस इंस्टालेशन को पूरा करने में लगभग 32 दिन लगे। लंबाई और चौड़ाई में लगभग 3,000 मीटर से ज़्यादा कपड़ा लगा, जो कि लगभग 500 साड़ियों की लंबाई के बराबर है, जिसका वजन ही लगभग 500 किलो है। पूरी पोशाक सूती और जॉर्जेट कपड़े से बनी है और यह माडर्न टच के साथ ट्रेडिशनल क्राफ़्टमैनशिप का प्रदर्शन करता है, डिज़ाइन सेंसिबिलिटी, गुजरात की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और छात्रों की नवीन भावना को दिखाता है।”
कपड़ा मिलने के बाद छात्रों ने चनिया चोली के डिज़ाइन की आवश्यकताओं के आधार पर साड़ियों को ध्यानपूर्वक छाँटा और अंततः उन्हें विशाल कपड़े के रूप में एक साथ सिल दिया, जिससे आखिर में वस्त्र बनाया गया। छात्रों के काम की टेक्निकल एक्सपरटाइज, सिलाई में निपुणता, शिल्प और जटिलताओं के साथ विशाल परिधान को एक साथ रखने के ऐतिहासिक कांसेप्ट की वास्तव में सराहना होनी चाहिए।