
अदानी से जुड़ी स्थानीय और क्षेत्रीय परियोजनाओं का मुखर विरोध करेगा प्रेस क्लब

महाजेंको की गारे पेलमा सेक्टर दो की एमडीओ अदानी कंपनी प्रबंधन और रायगढ़ की पूरी पत्रकार बिरादरी अब खुलकर आमने-सामने है, कंपनी प्रबंधन के मनमाना रवैये और उनके पोषित गुंडों के आतंक के ख़िलाफ़ शुक्रवार को पत्रकारों ने पुलिस अधीक्षक से मुलाक़ात की। समाचार की कवरेज कर रहे स्थानीय पत्रकारों से बदसलूकी करने और उन्हें जान से मारने की धमकी देने वाले अदानी कंपनी के गुर्गों और उनके ज़िम्मेदार अधिकारियों को जल्द से जल्द गिरफ़्तार करने की मांग पुलिस प्रशासन से की गई है। इस पर पुलिस कप्तान ने जल्द ही उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर एसपी कार्यालय से पत्रकारों का समूह वापस हुआ। एसपी को दोषियों की गिरफ़्तारी के लिए मांगपत्र सौंपने के बाद पत्रकारों ने एकजुट होकर यह निर्णय भी लिया कि अब अदानी से जुड़ी सभी स्थानीय और क्षेत्रीय परियोजनाओं का पूर्णत: बहिष्कार किया जायेगा।
प्रेस क्लब अध्यक्ष हेमंत थवाईत और सचिव नवीन शर्मा की संयुक्त अगुवाई में सभी पत्रकार पुलिस कप्तान से मिलने पहुंचे, जहां उन्होंने एसपी को विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि “ग़ुज़रे 6 अगस्त बुधवार को कलेक्टोरेट परिसर में महाजेंको कंपनी का पोस्टर लिए कुछ ग्रामीण गारे पेलमा कोयला खदान शुरू करने के समर्थन में रायगढ़ कलेक्टर से मिलने आए थे, कलेक्टर से चर्चा के बाद जब वो मीडिया बाईट दे रहे थे, इसी दौरान कुछ पत्रकारों ने उनसे उनके विस्थापन के बारे में पूछा तो वे जवाब नहीं दे पाए, तभी उनके साथ वहां मौजूद कुछ एजेंटनुमा लोगों, जो खुद को अदानी कंपनी का कर्मचारी बता रहे थे, ने पत्रकारों के साथ बदतमीज़ी शुरू कर दी। धैर्य रखते हुए पत्रकारों ने जब उनसे विस्थापन, फर्ज़ी ग्रामसभा कर अनुमति के आरोप पर सवाल पूछा कि “वो किस प्रयोजन से आए हैं” तो उन्होंने पत्रकारों को गुंडा कहा और पत्रकारों को जान से मारने की धमकी तक दे डाली। इस पूरी वारदात की वीडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है। मौक़े पर मौजूद पुलिस बल द्वारा मामले को शांत कराया गया। इतने के बाद जब पत्रकार लौट ही रहे थे कि फिर अदानी कंपनी का समर्थन करने आये एजेंटनुमा लोगों ने पत्रकारों को धमकी दी, जिसके बाद पत्रकारों ने इसकी लिखित शिक़ायत चक्रधरनगर थाने में की है। शिक़ायत के बाद अदानी कंपनी द्वारा पोषित गुर्गे पत्रकारों को फोन करके राज़ीनामा करने अनावश्यक दबाव बना रहे हैं। पत्रकारों ने एसपी से अनुरोध किया कि “ग्रामीणों के वेष में आए अदानी कंपनी के एजेंट और कंपनी के ज़िम्मेदार अधिकारी, जो मौक़े पर ग्रामीणों को भड़का कर पत्रकारों के ख़िलाफ़ उकसा रहे थे, उनकी शिनाख़्ती करते हुए तत्काल गिरफ़्तारी करें साथ ही पत्रकारों की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक क़दम उठाए जाने की बात रखी गई। एसपी ने इत्मीनान से प्रेस क्लब द्वारा रखी गई बातों को सुना और यथाशीघ्र उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
एसपी कार्यालय के बाहर सभी पत्रकारों ने एकमत होकर निर्णय लिया है कि अब से सभी पत्रकार अदानी कंपनी की स्थानीय और क्षेत्रीय परियोजनाओं का बहिष्कार करेंगे, उनकी किसी भी ख़बर को अपने मीडिया माध्यम में जगह नहीं देंगे। पत्रकारों में इस बात का भी ग़ुस्सा है कि घटना के तीन दिन बीत जाने के बाद भी अदानी कंपनी द्वारा पोषित गुर्गों के हौसले बढ़े हुए है और अदानी प्रबंधन भी जाने किस घमंड में चूर है। रायगढ़ प्रेस क्लब अध्यक्ष हेमंत थवाईत ने कहा कि अदानी कंपनी के पाले हुए गुंडों और स्थानीय कंपनी प्रबंधन पर जब तक कार्रवाई नहीं होती, तब तक रायगढ़ प्रेस क्लब के बैनर तले एकजुटता के साथ उनका बहिष्कार होगा।
प्रेस क्लब के बेनर तले एसपी से मिलने और ज्ञापन सौंपने में अनिल पाण्डेय, नरेश शर्मा, दिनेश मिश्रा, अनिल रतेरिया, युवराज सिंह आज़ाद, सुनील नामदेव, राजेश जैन, विवेक श्रीवास्तव, आलोक पाण्डेय, शेषचरण गुप्ता, हरेराम तिवारी, संजय बोहिदार, अनिल आहूजा, पुनीराम रजक, महादेव पणिहारी, हरिशंकर गौराहा, विनय पाण्डेय, मोहसिन खान, शमशाद अहमद, अभिषेक उपाध्याय, अविनाश पाठक, अमित पाण्डेय, अखिलेश पुरोहित, अमित गुप्ता, अमित शर्मा, अरूण डनसेना, अर्चना लाल, अश्विनी मालाकार, बाबा पटवा, चितरंजन सिंह, विकास पाण्डेय, गौतम अग्रवाल, कृष्णा मिश्रा, महेश शर्मा, मंजुल दीक्षित, नंदकुमार पटेल, नवरतन शर्मा, नितिन सिन्हा, आशीष शर्मा, भूपेंद्र सिंह ठाकुर, भूपेंद्र सिंह चौहान, हेमसागर श्रीवास, जितेंद्र मेहर, ज्योति ठाकुर, मनीष सिंह, नरेंद्र चौबे, मनीष अग्रवाल, नीरज तिवारी,पंकज तिवारी, प्रकाश थवाईत, प्रशांत तिवारी, राजा खान, रमेश अग्रवाल, संतोष पुरुषवानी, दीपक शोभवानी, साकेत पाण्डेय, संदीप बेरीवाल, संतोष साव, संतोष मेहर, संजय सहनी, सत्यजीत घोष, सुरजीत कौर, सुशील पाण्डेय, सिमरन पनगरे, सुरेंद्र चौहान, विजय मौर्या, विजयंत खेडुलकर, विपिन मिश्रा, यशवंत खेडुलकर, परमेश्वर साहू, प्रेम मौर्या, भीमसेन तिवारी, चूढामणि साहू, संदीप सिंह, संजय शर्मा, अनूप रतेरिया, संजय बेरीवाल, शेख ताजिम, श्रीपाल यादव, स्वतंत्र महंत, टिंकू देवांगन, उपेंद्र डनसेना, विकास जायसवाल, विपिन सवानी, विपिन राय, प्रवीण त्रिपाठी, रिवेश पोडवार, जीतू सोनी, अमर गुप्ता, हीरा मोटवानी, दुर्गा यादव , कैलाश आचार्य, शैलेन्द्र साहू समेत कई पत्रकार मौजूद थे।
महाजेंको की GP II कोल परियोजना से बरबाद गांवों के असली ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर एसपी से की मुलाक़ात

घटना के दूसरे दिन भी तमनार के 9 प्रभावित गांवों के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय पहुंचकर सबसे पहले कलेक्टर और फिर पुलिस अधीक्षक से मुलाक़ात की। ग्रामीणों से कलेक्टर एसपी को बताया कि “जिस ग्राम सभा के आधार पर अदानी कंपनी गारे पेलमा में खदान खोलने के लिए जंगलों को निर्ममता से नष्ट कर रही रही है, वह ग्राम सभा पूरी तरह फर्ज़ी है।” ग्रामीणों के साथ वो लोग भी आए हुए लोग भी थे, जिनके नामों से फर्ज़ी ग्राम सभा हुई थी और उन्होंने एक शपथ पत्र भी साथ लाया था, जिसमें लिखा था कि उनके नाम से कूटरचित दस्तावेज़ बनाकर ग्राम सभा की गई, जिसे तुरंत निरस्त किया जाए। ग्रामीणों ने आगे यह भी बताया कि “बीते 6 अगस्त को कलेक्टर कार्यालय के बाहर जो लोग पत्रकारों को अपमानित करते हुए उलझ रहे थे, जान से मारने की धमकी दे रहे थे, वो हमारे किसी के गांव से नहीं है। ये सभी अदानी कंपनी के एजेंट और पोषित गुंडे हैं, जो ग्रामीणों की आड़ में पूरे अदानी के अत्याचार से प्रभावित गांवों को बदनाम कर रहे हैं। किसी का घर उजड़ रहा है तो किसी का खेत और कोई कैसे इसे उजड़ने देगा। जो समर्थन में आए थे, हमारा मज़ाक बना रहे हैं। कलेक्टर और एसपी से मिले सकारात्मक आश्वासन के बाद ग्रामीण लौट गए।