
बीते शनिवार को जशपुर जिला प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कुनकुरी को एक महत्वपूर्ण सौगात दी है, गिनाबहार में आठ करोड़ सतहत्तर लाख की लागत से बनने वाले पचास बिस्तरीय मातृ-शिशु चिकित्सालय के अलावा पचास लाख की लागत से निर्मित होने वाली ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट का भूमिपूजन किया, इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि “आज जशपुर जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास की एक नई कड़ी जुड़ रही है, मातृ-शिशु अस्पताल के निर्माण से कुनकुरी सहित फरसाबहार, कांसाबेल और दुलदुला जैसे आसपास के क्षेत्रों की माताओं, बहनों और बच्चों को लाभ मिलेगा।” मुख्यमंत्री ने यह बताया कि जशपुर में दो सौ बिस्तरों वाले आधुनिक चिकित्सालय का निर्माण भी जल्द शुरू होगा, इस साल के बजट में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का प्रावधान किया गया है साथ ही नर्सिंग कॉलेज और फ़िजियोथेरेपी कॉलेज भी खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि “आयुष्मान भारत योजना और जेनरिक दवा दुकानों के माध्यम से आमजन को किफ़ायती इलाज सुलभ कराया जा रहा है, वरिष्ठ नागरिकों के लिए वय वंदना योजना एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य-सुरक्षा कवच है, मितानिन बहनों के मानदेय का भुगतान भी अब ऑनलाइन किया जा रहा है, जिससे पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित हुई है।” मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी को ज़मीनी स्तर पर लागू करने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए बताया कि “किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान की ख़रीदी की जा रही है और उन्हें प्रति क्विंटल 3,100 रुपये की राशि प्रदान की जा रही है, तेंदूपत्ता संग्रहकों को अब 5,500 रुपये प्रति मानक बोरा का भुगतान किया जा रहा है, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् ग़रीब परिवारों के लिए आवास निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहे हैं, महतारी वंदन योजना के अंतर्गत राज्य की 70 लाख से अधिक माता बहनों को प्रतिमाह 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है साथ ही 5 लाख 60 हज़ार भूमिहीन कृषि श्रमिकों को 10 हज़ार रुपये की विशेष सहायता राशि प्रदान की गई है, पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) खोलने का कार्य भी युद्धस्तर पर जारी है, जिससे ग्रामीणों को अपने गांव में ही बैंकिंग, धन जमा-निकासी जैसी सुविधाएं मिलेंगी, अगले पंचायती राज दिवस तक सभी पंचायतों में ये सुविधाएं उपलब्ध होंगी, राज्य सरकार द्वारा राजस्व प्रशासन में सुधार के लिए कई बड़े निर्णय लिए गए हैं, अब ज़मीन की रज़िस्ट्री के साथ ही नामांतरण की प्रक्रिया स्वतः पूरी होगी और फ़र्जी रज़िस्ट्री पर अंकुश लगेगा।” विश्व योग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।


आदिवासी अंचल में मातृत्व सुरक्षा की नई सौगात
ग़ौरतलब है कि कुनकुरी में प्रस्तावित 50 बिस्तरों वाला मातृ-शिशु चिकित्सालय न केवल कुनकुरी बल्कि फरसाबहार, कांसाबेल और दुलदुला जैसे तीन अन्य विकासखंडों की महिलाओं बच्चों को स्थानीय स्तर पर चिकित्सा सुविधा प्रदान करेगा, गर्भवती महिलाओं को प्रसवपूर्व देखभाल, सुरक्षित प्रसव, जटिलताओं का उपचार और बच्चों को समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपस्थिति गंभीर बीमारियों की पहचान और उपचार में सहायता करेगी। 50 लाख की लागत से बनने वाली ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट के माध्यम से लैब जांच सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी, जिससे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा।