पार्षद सपना ने बताया निगम ने 9 लाख की लागत से बनाई सीसी सड़क,भूस्वामी हक़ का है प्राकृतिक नाले पर बना पुल
गजमार पहाड़ मंदिर वृद्धाश्रम के आगे मोड़ पर शराब की दुकान है और इसी के थोड़ा आगे लेफ़्ट साईड में बालसमुंद गांधीनगर जाने वाले रास्ते में अच्छी ख़ासी लंबी चौड़ी और मोटी सीसी सड़क हाल ही में बनाई गई है, इसी सड़क के अंतिम छोर में प्राकृतिक नाला है, जहां पुल भी बनाया जा चुका है और इसी पुल के आगे तक़रीबन आठ से दस एकड़ ज़मीन भूस्वामी हक़ की बताई जा रही है, जो कि हो भी सकती है। सीसी सड़क और पुल के बन जाने से इस ज़मीन की क़ीमत में अचानक से सौ गुना उछाल आ गया है। अब लाख टके का सवाल ये उठता है कि इस भूस्वामी को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए मेन रोड से नाले तक सड़क बनाकर कैसे दे दी गई, वहीं प्राकृतिक नाले पर पुल बनाने के लिए किसने अनुमति दी है। वहीं जानकारी इस बात को लेकर भी आ रही है कि नाले पर बने पुल के पहले सीसी सड़क के किनारे कुछ मकानों को सामने का हिस्सा हटाने के लिए भी दबाव बनाया जा रहा है।
चूंकि यह क्षेत्र वार्ड नंबर 25 की बेहद सक्रिय पार्षद सपना सिदार का है, इसलिए “khabarbayar” ने जब उनसे जानकारी हासिल करनी चाही तो उन्होंने बताया कि “नगर निगम द्वारा नौ लाख की लागत से सीसी सड़क बनाई गई है, नाले पर बनी पुलिया का सीमांकन करवाने पर पता चला कि नाला भूस्वामी हक़ की ज़मीन पर है। अतिक्रमण के संबंध में पार्षद सपना सिदार ने बताया कि किसी को भी निगम की तरफ़ से नोटिस नहीं दिया गया है और ना ही सामने का हिस्सा तोड़ने के लिए कहा गया है।”
इस पूरे मामले से जुड़ा हुआ सच बेपर्दा होना ज़रूरी है, क्योंकि सीसी सड़क और प्राकृतिक नाले पर बने पुल के कारण स्थानीय प्रशासन पर निजी भूस्वामी को सीधे सीधे बड़ा लाभ पहुंचाये जाने के आरोप लग रहे हैं। आरोपों का क्या, वो तो लगते रहते हैं, पर सच्चाई तो सामने आनी ही चाहिए, क्योंकि इस मामले में कमिश्नर एसडीएम तहसीलदार से लेकर स्थानीय पार्षद तक की साख का सवाल है। भूस्वामी तो करोड़ों का लाभ लेकर निकल लेगा, मगर सवाल तो सिस्टम पर उठते रहेंगे।