

छत्तीसगढ़ में 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले जब भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में थी तब महादेव क्रिकेट सट्टा ऐप का नाम और तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कथित गठजोड़ का मामला ख़ूब उछाला गया, तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से लेकर सत्ता और संगठन से जुड़े कई अहम नाम भी महादेव क्रिकेट सट्टा ऐप से जोड़कर उछाले गये, ईडी की कई कार्रवाइयां भी हुईं, करोड़ों का कैश भी बरामद हुआ। छत्तीसगढ़ में तख़्तापलट हुए लगभग दो साल होने को आ गये, मगर महादेव क्रिकेट सट्टा ऐप का संचालन बंद नहीं हुआ है, ऐसा आरोप छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने लगाये हैं। उन्होंने सरकार और भाजपा पर हमलावर होते हुए कहा है कि “संतरी से लेकर प्रधानमंत्री ने महादेव क्रिकेट सट्टा ऐप के नाम पर प्रचार करके छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को ख़ूब बदनाम किया, मगर आज छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा ऐप के जुड़वां भाई के रूप में शिवा सट्टा ऐप का नेटवर्क भी सामने आया है, जो कि भाजपा सरकार के संरक्षण में फल-फूल रहा है, बीते दिनों इसी शिवा सट्टा ऐप के ज़रिए खैरागढ़ में तक़रीबन 20 करोड़ के लेन-देन का खुलासा हुआ, इसी तरह शिवा सट्टा ऐप पूरे प्रदेश में पैर पसार रहा है, जिसमें मौजूदा सरकार के लोग पूरी तरह से इन्वॉल्व हैं, सट्टा कारोबार को संरक्षण देने में किस किस को कमीशन पहुंच रहा है, ये छत्तीसगढ़ की जनता को जानने का हक़ है क्योंकि क्रिकेट सट्टा ऐप के ज़रिए छत्तीसगढ़ के युवाओं को बरबाद करते हुए यहां की गाढ़ी कमाई को सटोरियों द्वारा लूटने का काम सरकार के खुले संरक्षण में चल रहा है।” पीसीसी चीफ़ ने अपने बयान में आगे कहा है कि ” जब देश और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार है, फिर भी ऐप के जरिए व्यापक स्तर पर सट्टे का खेल आख़िर चल कैसे रहा है? महादेव सट्टा ऐप के सरगना सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को जब गिरफ़्तार कर लिया गया है, तो उन्हें भारत कब लाया जायेगा? अब तक की स्थितियों से साफ़ है कि महादेव सट्टा ऐप के संचालकों के साथ मौजूदा सरकार और भाजपा मिली हुई है।”