
इस बात में कोई दो राय नहीं कि रायगढ़ का व्यापारी वर्ग आर्थिक गतिविधियों के समानांतर सामाजिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने में अपनी अपनी क्षमता के मुताबिक़ समर्पित होकर काम करता है। छत्तीसगढ़ सहित सिंधी, पंजाबी, मारवाड़ी, ओड़िया, बंगाली, गुजराती, दक्षिण भारतीयों को मिलाकर हर वर्ग के व्यापारी ऐसी गतिविधियों पर अपना अपना योगदान देते आ रहे हैं। अग्रवाल समाज की संस्था अग्रसेन सेवा संघ और खाटू नरेश को समर्पित श्री श्याम मंडल ने इसी रायगढ़ में समाजसेवा के बड़े बड़े काम किये हैं, ये अलग बात है कि इन दोनों ही सामाजिक संस्थाओं में समय के साथ वर्चस्व को लेकर व्यवस्था से जुड़े फ़्रंटलाईन लोगों के बीच मतभेद बढ़ते गये, कभी कभी ये मतभेद बड़े रूप में सड़कों तक पहुंच गये, लेकिन इस समाज के कुछ समझदार लोगों ने आपसी सामंजस्य से मामले को सुलझाया भी लिया। अब यही देख लीजिये कि हर साल अग्रसेन जयंति समारोह के दौरान विवाद खड़ा होता ही होता है, इस साल भी जब अग्रसेन जयंति का समय आयेगा, किसी ना किसी प्वाईंट पर विवाद होगा ही।
पिछले साल श्री श्याम मंडल की कार्यकारिणी का चुनाव मतदान के आधार पर हुआ, इस चुनाव में दोनों पक्षों की ख़ूब किरकिरी हुई, मगर चुनाव संपन्न होने के बाद बतौर अध्यक्ष बजरंग अग्रवाल के नेतृत्व में नई कार्यकारिणी ने कार्यभार संभाला, इसे दुर्भाग्य ही माना जायेगा कि पिछली कार्यकारिणी ने नई कार्यकारिणी को चार्ज देने में लंबा वक़्त लगा दिया था। ख़ैर, पिछले साल के जन्माष्टमी मेले के बाद श्री श्याम मंदिर का कायाकल्प हुआ, बाबा श्याम के सिंहासन को स्वर्ण जड़ित बनाया गया, मगर अफ़सोस कि सीसीटीवी डिजीटली सर्वेलेंस को छोड़कर एक गार्ड की नियुक्ति मंदिर में नहीं की जा सकी, श्री श्याम मंडल की इसी ग़लती का फ़ायदा उठाकर बीते पखवाड़े भर पहले आधीरात एक चोर मंदिर के मेनगेट से होता हुआ बाबा के गर्भगृह तक पहुंचता है और सारे स्वर्णजड़ित आभूषण, चांदी के छत्र, कुंडल, हार सहित दानपेटी की रक़म निकालकर बड़ी आसानी से ग़ायब हो जाता है। वो तो रायगढ़ पुलिस की लगातार सक्रियता से श्री श्याम मंदिर के चोरों का गिरोह पकड़ा गया और सारे माल की बरामदगी भी हो गई, वरना श्री श्याम मंडल की मौजूदा प्रबंध कार्यकारिणी अपने आपको कभी माफ़ नहीं कर पाती। बहरहाल, श्री श्याम मंडल की प्रबंध कार्यकारिणी द्वारा तक़रीबन 70 की तादाद में शामिल उन सभी पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों का सम्मान करने जा रही है, जिन्होंने चोरी किये गये पूरे माल की बरामदगी के साथ हारे के सहारे श्याम बाबा के रायगढ़ दरबार के वैभव को लौटाने में अपनी बड़ी भूमिका निभाई है, हालांकि इस अपराध का समय पर अनुसंधान करके दोषियों को सलाखों के पीछे पहचाना पुलिस की ड्यूटी है।