सरकार, पुलिस, प्रशासन और नगरीय निकायों को चौंकन्ने रहने की है ज़रूरत
पीयू फ़ोम यानि पाॅली-यूरेथेन नाम रसायन से बना एक ऐसा पदार्थ जो ज़्यादातर फुटवियर्स (जूते चप्पल वग़ैरह) के सोल बनाने के उपयोग में लाया जाता है और यह रासायनिक तत्व अति-ज्वलनील की श्रेणी में आता है, जानकारों की मानें तो पाॅली-यूरेथेन रसायन से बने पदार्थों के भण्डारण की जगह पर अगर सही वैन्टिलेशन ना हो तो पीयू फोम की जनरेट होने वाली गैस कुकिंग गैस से भी ज़्यादा ज्वलनशील हो जाती है और ये गैस पीयू फोम के भण्डारण से बननी ही बननी है, हमारे रायगढ़ जिला मुख्यालय के मुख्य बाज़ार में तक़रीबन सभी फ़ोम हाऊसेज़, फुटवियर स्टाॅकिस्ट्स और फोम-प्लास्टिक से बने सामानों के कारोबारियों की प्रतिष्ठानों और गोदामों में बड़े पैमाने पर पीयू फ़ोम का भण्डारण किया गया है, इनमें से अधिकतर दुकान और गोदाम घने रिहायशी ईलाकों में हैं, केवल रायगढ़ जिले की ही बात नहीं है, देश के तक़रीबन सभी महानगरों, नगरों और उपनगरों में भी पीयू फ़ोम का भण्डारण होता ही होता है।
अब रहा सवाल किसी बड़े हादसे से बचाव की दिशा में प्रयास का, तो सरकारें, जिला प्रशासन या जिला पुलिस के नेतृत्व में पीयू फ़ोम के भण्डारण वाली दुकानों और गोदामों की पहचान करके इन जगहों में आगजनी से बचाव के सारे इंतज़ाम (मसलन फायर एक्सटिंग्ज़र, रेती, पानी) करवाने व्यापारियों को सख़्त हिदायत दी जाये, इसके अलावा पाॅली यूरेथेन फ़ोम के भण्डारण वाली दुकानों और गोदामों (ख़ासकर फुटवियर) में भी संबंधित व्यापारियों से पर्याप्त वैन्टिलेशन की व्यवस्था भी करवाई जाये। अति-ज्वलनशील पदार्थों के भंडारण को लेकर बरती गई लापरवाहियों के कारण घनी आबादी वाले ईलाकों में व्यापक जान माल के नुकसान की आगजनी की घटनाओं से सबक लेते हुए नियंत्रित करने ऐसी पहल होती है तो यह पहल बेहद सकारात्मक और ज़िम्मेदार पहल साबित होगी।