
कुनकुरी के खाते में नालंदा परिसर, सीएम साय ने किया भूमिपूजन
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शनिवार को जशपुर जिला अंतर्गत कुनकुरी के सलियाटोली गांव में 4.37 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले 250 सीटर नालंदा परिसर का भूमिपूजन किया, इस अवसर पर उन्होंने युवाओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि “राज्य सरकार का उद्देश्य प्रत्येक जिले में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है, इसके लिए राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में नालंदा परिसर की स्थापना की जा रही है, जशपुर जिले में दो स्थानों पर नालंदा परिसर का निर्माण किया जा रहा है, नालंदा परिसर अत्याधुनिक पुस्तकालय, शिक्षण संसाधनों और तक़नीकी सुविधाओं से सुसज्जित होगा और विद्यार्थियों की निर्बाध पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए यह परिसर चौबीसों घंटे खुला रहेगा।” इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने आगे कहा कि शासन द्वारा नागरिक सुविधाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए “ई-ऑफ़िस के जरिए सभी विभागों की सेवाएँ ऑनलाइन की जा रही हैं। राजस्व क्षेत्र में दस नई क्रांतिकारी पहल लागू की गई है, जिससे रजिस्ट्री और नामांतरण जैसी प्रक्रियाएँ अब आमजन के लिए सरल और सुलभ हो गई हैं।” मुख्यमंत्री ने बताया कि “छात्रहित को ध्यान में रखते हुए पीएससी जैसी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार करने वालों के ख़िलाफ़ सीबीआई जाँच कराई जा रही है साथ ही जशपुर जिले में मेडिकल कॉलेज, कृषि महाविद्यालय, उद्यानिकी, नर्सिंग, नेचुरोपैथी और फ़िजियोथेरेपी कॉलेज की स्थापना की जाएगी।”

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अध्ययन के लिए समर्पित केंद्र बनेगा नालंदा परिसर
नालंदा परिसर में महानगरों की तर्ज़ पर सप्ताह के सातों दिन, चौबीसों घंटे अध्ययन की सुविधा उपलब्ध होगी, इसमें इनडोर और आउटडोर स्टडी ज़ोन के साथ-साथ प्राकृतिक वातावरण से जुड़ने के लिए ऑक्सी रीडिंग ज़ोन की व्यवस्था होगी, यह परिसर स्वायत्त मॉडल पर आधारित होगा और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए सौर ऊर्जा से संचालित किया जाएगा, ईको-फ्रेंडली डिज़ाइन के इस परिसर में बिजली की खपत बेहद कम होगी और पचास से अधिक देशी पौधों की प्रजातियाँ रोपी जाएँगी, युवाओं के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए परिसर में यूथ टावर, स्पोर्ट्स कोर्ट, कैफ़ेटेरिया, एटीएम और हेल्थ ज़ोन जैसी सुविधाएँ भी विकसित की जाएँगी। नालंदा परिसर संचालन के लिए स्व-वित्तपोषित मॉडल को अपनाया जाएगा, लाइब्रेरी में पचास हज़ार से ज़्यादा पुस्तकें, डिज़िटल लाइब्रेरी, वाई-फ़ाई ज़ोन और प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकें उपलब्ध होंगी साथ ही आरएफआईडी आधारित प्रवेश प्रणाली, बायोमेट्रिक आईडी, पुस्तकों की ट्रैकिंग के लिए आरएफआईडी और सॉफ्टवेयर आधारित पुस्तक प्रबंधन प्रणाली की व्यवस्था होगी।