
छत्तीसगढ़ में 10 नगर निगम, 49 नगर पालिका और 114 नगर पंचायतों के साथ नगरीय निकायों का सेटअप सरकार द्वारा संचालित है, इन सभी नगरीय निकायों में नई सरकार गठित हुए छः महीने से ज़्यादा का वक़्त बीत चुका है, लाखों करोड़ों का फंड भी जारी हो चुका, सरकारी दावों के मुताबिक़ निर्माण कार्यों की झड़ी लग चुकी है। मगर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इन नगरीय निकायों के लिए एल्डरमैन की नियुक्तियां नहीं की जा सकी हैं। चूंकि जिस राजनैतिक दल की सूबे में सरकार होती है वो राजनैतिक दल अपने उन कार्यकर्ताओं को उपकृत करने के लिए एल्डरमैन का झुनझुना थमाती है जो या तो टिकट से वंचित किये जाते हैं या पार्टी के लिए समर्पित होकर काम करते हैं या फिर अपने नेता विधायक मंत्री के आगे पीछे डोलते रहते हैं। इन सबसे अलग कुछ ऐसे भी चेहरे होते हैं जो दूसरे विपक्षी राजनैतिक दलों से आकर सत्तापक्ष के लिए चुनावों में काम करते हैं, उनको उपकृत करना भी तो सत्तापक्ष के लिए ज़रूरी हो जाता है।
चूंकि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की “नमो-विष्णु-ओपी” सरकार है इसलिए भारतीय जनता पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता अपने अपने नगरीय निकायों में एल्डरमैन बनने की उम्मीद पालकर बैठे हुए हैं। अब सवाल ये खड़ा होता है कि छत्तीसगढ़ सरकार कब तक नगरीय निकायों के लिए एल्डरमैन सूची को अंतिम रूप देती है। वैसे भारतीय जनता पार्टी संगठन स्तर पर अपने अपने नगरीय निकायों के लिए एल्डरमैनों के नामों की सूची को अंतिम रूप दे चुकी है, तो क्या राज्य सरकार दीपावली से पहले एल्डरमैनों की नियुक्ति कर पायेगी या अभी और इंतज़ार करना पड़ सकता है? बहरहाल एल्डरमैन बनने की चाह लिए भारतीय जनता पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता तो मन ही मन यही कह रहे हैं….”अब तो इंतेहा हो गई इंतज़ार की”